बिहार चुनाव 2025: पटना में एनडीए ने जारी किया संकल्प पत्र, 1 करोड़ नौकरियां, 1 करोड़ लखपति दीदी और महिलाओं को 2 लाख सहायता का वादा

पटना, 31 अक्टूबर 2025

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक एक हफ्ते पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने शुक्रवार को राजधानी पटना में अपना संकल्प पत्र जारी कर दिया। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में मौर्या होटल में आयोजित भव्य समारोह में जारी इस ‘संकल्प पत्र 2025’ में युवाओं, महिलाओं, किसानों, गरीबों और अत्यंत पिछड़ों के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाओं का ऐलान किया गया। एनडीए ने इसे बिहार को विकसित राज्य बनाने का रोडमैप बताया है, जो पलायन रोकने और रोजगार सृजन पर केंद्रित है।

संकल्प पत्र जारी करने के दौरान जेपी नड्डा, नीतीश कुमार के अलावा केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) प्रमुख चिराग पासवान, राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और जेडीयू नेता संजय झा सहित अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। नड्डा ने कहा, “यह संकल्प पत्र बिहार की जनता के लिए हमारा दृढ़ संकल्प है। हम न केवल वादे करेंगे, बल्कि उन्हें पूरा भी करेंगे।”

मुख्य वादे: रोजगार और महिला सशक्तिकरण पर जोर

संकल्प पत्र की सबसे बड़ी घोषणा 1 करोड़ सरकारी नौकरियों की है। एनडीए ने वादा किया है कि सत्ता में आने पर अगले पांच वर्षों में युवाओं को बड़े पैमाने पर सरकारी और निजी क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराया जाएगा। हर जिले में मेगा स्किल्स सेंटर स्थापित किया जाएगा, जहां युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर वैश्विक स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।

महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत हर पात्र महिला को 2 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता का वादा किया गया है। इसके अलावा, 1 करोड़ महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाने का लक्ष्य रखा गया है। ‘मिशन करोड़पति’ शुरू कर कुछ महिलाओं को करोड़पति बनाने में मदद की जाएगी। महिलाओं के लिए मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और स्वरोजगार योजनाओं को मजबूत किया जाएगा।

किसानों, गरीबों और पिछड़ों के लिए नई योजनाएं

किसानों के कल्याण के लिए संकल्प पत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने का वादा किया गया है। सभी फसलों की खरीद एमएसपी पर सुनिश्चित की जाएगी। मंडी और बाजार समिति को पुनर्जीवित किया जाएगा, तथा मंडियां मंडल, उपमंडल और ब्लॉक स्तर पर खोली जाएंगी। एपीएमसी एक्ट को बहाल करने की घोषणा की गई है।

गरीबों और अत्यंत पिछड़ी जातियों (ईबीसी) के लिए 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता का प्रावधान है। ईबीसी के लिए कल्याण योजनाओं की तैयारी के लिए एक समिति गठित की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता एससी न्यायाधीश करेंगे। हर परिवार को 200 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाएगी। जन स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत हर व्यक्ति को 25 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाएगा।

इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास पर फोकस

संकल्प पत्र में बिहार को औद्योगिक और इंफ्रास्ट्रक्चर हब बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। पटना सहित पांच शहरों में मेट्रो ट्रेन सेवाएं शुरू की जाएंगी। चार अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और सात एक्सप्रेसवे का निर्माण होगा। सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार से सहयोग लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “बिहार अब पलायन का केंद्र नहीं, बल्कि रोजगार का केंद्र बनेगा। यह संकल्प पत्र हमारे पिछले कार्यों का विस्तार है, जहां हमने विकास की गति को तेज किया।” चिराग पासवान ने इसे ‘जन-केंद्रित’ बताते हुए कहा कि इससे बिहार की महिलाएं और युवा सशक्त होंगे।

विपक्ष का पलटवार

विपक्षी महागठबंधन ने एनडीए के संकल्प पत्र को ‘जुमला’ करार दिया। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “पिछले 20 वर्षों में एनडीए ने क्या किया? बेरोजगारी और पलायन आज भी बिहार की सच्चाई है। हमारा ‘बिहार का तेजस्वी प्रण’ वास्तविक बदलाव लाएगा।” महागठबंधन ने पहले ही अपना घोषणा पत्र जारी कर 50 लाख नौकरियां और जीविका दीदियों के लिए सहायता का वादा किया है।

चुनाव आयोग के अनुसार, बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर दो चरणों में मतदान 6 और 11 नवंबर को होगा, जबकि नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। एनडीए ने इस संकल्प पत्र के जरिए सभी वर्गों को लक्षित कर अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश की है। अब देखना यह है कि मतदाता इन वादों पर कितना विश्वास जताते हैं।

 

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