मौत की दौड़ साबित हो रही उत्पाद सिपाही की नियुक्ति, अबतक 12 अभ्यर्थियों ने दौड़ के बाद दम तोड़ा

रांची,

झारखंड उत्पाद सिपाही की बहाली मौत की दौड़ साबित हो रही है। अबतक राज्य के 12 युवा इस दौड़ में शामिल होकर अपनी जान गंवा चुके हैँ। राज्य के 583 पदों पर हो रही बहाली के शारीरिक परीक्षा में विभिन्न जिलों के 12 अभ्यार्थी दौड़ के बाद दम तोड़ चुके हैं। इस परीक्षा के तहत 22 अगस्त से रांची, गिरिडीह, हजारीबाग, पलामू, साहेबगंज और पूर्वी सिंहभूम में शारीरिक परीक्षा आयोजित है। इसमें पुरूषों के लिए 60 मिनट में 10 किलोमीटर और महिलाओं के लिए 40 मिनट में 5 किलोमीटर की दौड़ शामिल है। इस मौत की वजह से अब यह राजनीतिक मुद्दा बन चुका है। झारखंड के बीजेपी नेता और नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि झारखंड सरकार अपने 5 साल के नियुक्तियों को एक माह में ही पूरा कर लेना चाहती है।

क्या है मौत के कारण

पुलिस सेवा से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि मौत की कई वजह हो सकती है। इसमें अभ्यास के साथ साथ मौसम भी मायने रखता है। विगत कई वर्षों से नियुक्तियां नहीं होने के कारण वैसे भी अभ्यार्थी दौड़ में शामिल हो रहे, जो कभी लंबे दौड़ के अभ्यास में नहीं थे। वे ना ही दौड़ के नियमों को जानते हैं, अचानक शरीर पर अतिरिक्त जोर देने से दिल की धड़कनों और सासों पर अतिरिक्त भार पड़ता है। साथ 1.6 किलोमीटर की दौड़ को 10 किलोमीटर बना दिया गया है, जो एक महत्वपूर्ण कारण हो सकते हैं।

यूपी पुलिस के लिए क्या है नियम

देशभर में कांस्टेबल की बहाली में अलग अलग नियम हैं, लेकिन बावजूद इसके सभी तरह की बहालियों में शारीरिक परीक्षा के तहत दौड़, ऊंची कूद, लंबी कूद, गोला फेक जैसी प्रक्रिया अपनायी जाती है। उत्तर प्रदेश में कांस्टेबल पद पर बहाली पिछले दिनों सम्पन्न हुई। इसमें पुरूषों के लिए 25 मिनट में 4.8 किमी और महिलाओं के लिए 14 मिनट में 2.4 किमी दौड़ शारीरिक परीक्षा में शामिल थी।

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