RBI के 26वें गवर्नर बने संजय मल्होत्रा, अगले 3 साल तक निभाएंगे अहम जिम्मेदारी

Sanjay Malhotra: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में लगातार दो कार्यकाल पूरा करने के बाद शक्तिकांत दास ने मंगलवार को पद छोड़ दिया। शक्तिकांत दास के पद छोड़ने के बाद संजय मल्होत्रा ने बुधवार, 11 दिसंबर से भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई के 26वें गवर्नर के रूप में पद संभाल लिया है। संजय मल्होत्रा आज आरबीआई हेडक्वार्टर पहुंचे, जहां उनका सीनियर अधिकारियों ने स्वागत किया। जिसके बाद संजय मल्होत्रा ने अगले 3 सालों के लिए केंद्रीय बैंक के गवर्नर का पद संभाला। इस मौके पर संजय मल्होत्रा के साथ डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे., एम राजेश्वर राव और टी. रबी शंकर भी मौजूद रहे।

संजय मल्होत्रा के पास है 3 दशक से भी ज्यादा का एक्सपीरियंस

राजस्थान के 1990 बैच के आईएएस अधिकारी संजय मल्होत्रा के पास पावर, फाइनेंस और टैक्सेशन जैसे बड़े सेक्टरों में पब्लिक पॉलिसी में तीन दशक से भी ज्यादा एक्सपीरियंस है। हालांकि, संजय मल्होत्रा ऐसे समय में आरबीआई के गवर्नर का पद संभाल रहे हैं, जब देश महंगाई के साथ-साथ सुस्त अर्थव्यवस्था का सामना कर रहा है।

दूसरी तिमाही में सुस्त हुई जीडीपी ग्रोथ रेट 

बताते चलें कि देश की जीडीपी ग्रोथ रेट जुलाई-सितंबर तिमाही में घटकर 5.4 प्रतिशत रही, जो 7 तिमाहियों का सबसे निचला स्तर है। इतना ही नहीं, अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर भी बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 प्रतिशत पर पहुंची हुई है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि संजय मल्होत्रा की नेतृत्व में अगले साल फरवरी में होने वाली आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग में ब्याज दरों में कटौती की संभावना मजबूत हो गई है।

करीब दो साल से रेपो रेट में नहीं हुआ है कोई बदलाव

शक्तिकांत दास ने आरबीआई का गवर्नर रहते हुए करीब दो साल से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। महंगाई को काबू में रखने के लिए शक्तिकांत दास रेपो रेट में बदलाव नहीं कर रहे थे। सरकार ने आरबीआई को सीपीआई आधारित महंगाई दर को 2 प्रतिशत के उतार-चढ़ाव के साथ 4 प्रतिशत के अंदर रखने का लक्ष्य दिया है। हालांकि, ऐसा माना जा रहा है कि जीडीपी की ग्रोथ को देखते हुए महंगाई के बावजूद अगली बैठक में रेपो रेट में कटौती की जाएगी।

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