रांची, 28 दिसंबर 2025
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू आज शाम रांची पहुंच चुकी हैं। यह उनका झारखंड का तीन दिवसीय आधिकारिक दौरा है, जो आदिवासी संस्कृति, शिक्षा और सांस्कृतिक विरासत से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यक्रमों पर केंद्रित है। श्रीमती द्रौपदी मुर्मू विशेष विमान से शाम करीब 6 बजे बिरसा मुंडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, रांची पहुंचीं। एयरपोर्ट पर झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने उनका पारंपरिक स्वागत किया। गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद राष्ट्रपति लोकभवन (राजभवन) पहुंचीं, जहां रात्रि विश्राम करेंगी।
दौरे का विस्तृत कार्यक्रम
29 दिसंबर 2025 (सोमवार): जमशेदपुर दौरा
सुबह हेलीकॉप्टर से जमशेदपुर के लिए रवाना।
ओल चिकी लिपि शताब्दी समारोह: करनडीह स्थित दिशोम जाहेर स्थान पर संथाली भाषा की ‘ओल चिकी’ लिपि के 100 वर्ष पूर्ण होने के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। यहां पंडित रघुनाथ मुर्मू की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगी। राष्ट्रपति पारंपरिक ‘सेंदरा’ नृत्य से स्वागत किया जाएगा और कई संथाली विद्वानों को सम्मानित करेंगी।ओल चिकी लिपि का आविष्कार पंडित रघुनाथ मुर्मू ने 1925 में किया था, जो संथाली भाषा की अपनी लिपि है। यह समारोह आदिवासी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।
NIT जमशेदपुर का 15वां दीक्षांत समारोह: आदित्यपुर स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) जमशेदपुर के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगी। यहां स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी छात्रों को डिग्री वितरित करेंगी तथा सम्मानित हस्तियों को मानद उपाधि प्रदान करेंगी।
शाम को रांची वापसी।
30 दिसंबर 2025 (मंगलवार): गुमला दौरा
गुमला जिले के रायडीह प्रखंड में अंतरराज्यीय जनसांस्कृतिक समागम ‘कार्तिक जतरा 2025’ में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। यह आदिवासी लोक संस्कृति का बड़ा आयोजन है, जिसमें विभिन्न राज्यों के जनजातीय समुदाय भाग लेते हैं। कार्यक्रम में झारखंड के मुख्यमंत्री, केंद्रीय जनजातीय मंत्री जुएल ओराम सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे।कार्तिक जतरा आदिवासी समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा का उत्सव है, जिसमें नृत्य, संगीत और लोक कला की प्रस्तुतियां होती हैं।
शाम को दिल्ली के लिए रवाना।