संताल आदिवासियों के महान धार्मिक स्थल – लुगु बुरु की अस्तित्व खतरे के लिए जेएमएम पार्टी और लुगु बुरु कमेटी दोषी है – सालखन मुर्मू, पूर्व सांसद

बोकारो, झाऱखंड

सेंगेल प्रमुख सालखन मुर्मू ने बोकारो जिला के अंतर्गत ललपनिया अवस्थित संताल आदिवासियों का महान धार्मिक स्थल लुगु बुरु का दौरा किया। भ्रमण और बैठक में सालखन मुर्मू के नेतृत्व में आदिवासी सेंगेल अभियान के लगभग 150 कार्यकर्ता इसमें शामिल हुए। तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन के असहयोग के खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया। सेंगेल द्वारा हर हाल में 2023 के भीतर सरना धर्म कोड की मान्यता के लिए 8 नवंबर रांची चलो का आह्वान हुआ है। और यदि एक महीने के भीतर सरना धर्म कोड मान्यता की घोषणा नहीं होगी तो 8 दिसंबर 2023 को भारत बंद होगा। रेल रोड चक्का जाम किया जाएगा। आदिवासीयों के पवित्र धार्मिक स्थल पर हिंदूकरण, हाइडल पावर प्रोजेक्ट बनाने का और पर्यटन स्थल बनाकर इसके अस्तित्व को खत्म करने का खतरा मंडरा रहा है। इसके लिए जेएमएम पार्टी और लुगु बुरु कमेटी के अध्यक्ष बबली सोरेन आदि दोषी हैं। इसके अस्तित्व रक्षार्थ अब तक जिन्होंने कोई ठोस कार्रवाई नहीं किया गया है। बवली सोरेन के नेतृत्व में कमिटि 18 अक्टूबर को मान्य मुख्यमंत्री से रांची में मुलाकात किया और हेमंत सोरेन साहब ने कहा कि हम इस पर जन भावना के अनुरूप पहल करेंगे। फिर जो जानकारी मिलती है कि रविवार 5 नवंबर 2023 को जेएमएम पार्टी के ही बी टीम के लोग लुगु बुरु कमेटी और माझी परगाना महाल के नाम से विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं। जो एक ढोंग है, नौटंकी है। झामुमो की ही सरकार है तो किसके खिलाफ यह विरोध है? झामुमो चाहेगी तो मुख्यमंत्री खुद एक आदेश जारी कर हिंदूकरण, हाइडल पावर प्रोजेक्ट स्थापित करने और पर्यटन स्थल बनाने पर रोक लगा सकते हैं। अन्यथा सरना धर्म के महान धार्मिक स्थल पर अतिक्रमण ही होना है। अतएव आदिवासी सेंगेल अभियान की तरफ से इस ढोंग का विरोध किया जाता है।

जनसभा की घोषणा

लुगु बुरु को बचाने के लिए 1 नवंबर 23 को चंद्रपुरा, बोकारो और 2 नवंबर 23 को मरांग बुरु रक्षार्थ मधुवन, गिरिडीह में सेंगेल और आदिवासी सामाजिक सुरक्षा समिति के द्वारा जनसभाओं का आयोजन होगा। जिसको सालखन मुर्मू संबोधित करेंगें। सालखन मुर्मू के साथ लुगु बुरु में सुमित्रा मुर्मू, देवनारायण मुर्मू, करम चंद हांसदा, सुखदेव मुर्मू, ललिता सोरेन, आनंद टुडु, जयराम सोरेन, वीरेंद्र कुमार बास्के, राम कुमार मुर्मू आदि शामिल थे।

 

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