परसी अरिचली मरांग बुरु अखड़ा ने दुमका रेलवे स्टेशन का नाम संताली(ओलचिकी) और रेलवे स्टेशन में उद्घोषणा संताली भाषा मे करने का किया मांग

दुमका, (स. प.)

परसी अरिचली मरांग बुरु अखड़ा के सदस्यों ने दुमका रेलवे स्टेशन प्रबंधक टी. पी. यादव को ज्ञापन देकर मांग किया कि दुमका रेलवे स्टेशन का नाम भी अन्य भाषा के साथ साथ संताली(ओलचिकी) से भी लिखा जाय। उसके साथ-साथ रेलवे स्टेशन में उद्घोषणा भी संताली भाषा मे भी हो। अखड़ा ने कहा कि दुमका आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। यहां पर संताल आदिवासी बहुयात में रहते है। अतः दुमका रेलवे स्टेशन का नाम संताली(ओलचिकी) में भी होना चाहिये और रेलवे स्टेशन में जो उद्घोषणा होती है, वह भी संताली भाषा मे भी अवश्य हो। इससे आदिवासियो को बहुत सहूलियत होगी और संताल आदिवासी के भाषा और ओलचिकी लिपि को संरक्षण मिलेगा। अखड़ा ने आगे कहा संताली भाषा भारत सरकार द्वारा आठवीं अनुसूची में मान्यता प्रदान किये कई वर्ष हो गए, उसके बाद भी दुमका रेलवे स्टेशन में संताली भाषा मे उद्घोषणा का ना होना और स्टेशन का नाम संताली(ओलचिकी) में नही होना दुःखद है। इस अवसर पर परेश मुर्मू, सुभाष किस्कू, एमेल मरांडी, राजाधन हेंब्रम, एंथोनी किस्कू, संजीव टुडू , बादल मरांडी, सुनील टुडू, धर्मलाल मुर्मू, सोनेलाल मुर्मू आदि उपस्थित थे।

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