देहरादून, उत्तराखंड
उत्तराखंड में UCC यानि यूनिफॉर्म सिविल कोडआज से लागू हो गया है। इसके साथ ही उत्तराखंड यूनिफॉर्म सिविल कोड अर्थात समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है, जहां यह कानून प्रभावी हो गया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि इसके लागू होने से समाज में एकरूपता आएगी। UCC किसी धर्म या वर्ग के खिलाफ नहीं है। इसका उद्देश्य सभी को समान अधिकार देना है। मुख्यमंत्री आवास में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इसका ऐलान किया। यह कार्यक्रम सीएम आवास के मुख्य सेवक सदन में आयोजित किया गया। इस दौरान धामी ने समान नागरिक संहिता उत्तराखंड- 2024 को लागू किए जाने पर नियमावली और पोर्टल का लोकार्पण किया। यह पोर्टल आम जनता के लिए खोल दिया गया है। https://ucc.uk.gov.in पर लॉग इन कर सकते हैं।
अनुसूचित जनजाति को दायरे से रखा गया है बाहर
एसटी यानि अनुसूचित जनजाति को UCC के दायरे से बाहर रखा गया है। इनके अलावा यह सम्पूर्ण उत्तराखंड राज्य और राज्य से बाहर रहने वाले उत्तराखंड के निवासियों पर यह लागू होगा।
तीन साल पुराना वादा निभाया
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपना 3 साल पहले 2022 में जनता से किए गए वादे को पूरा किया। अब 27 जनवरी के दिन को समान नागरिकता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। धामी ने कहा कि UCC लागू होने से हलाला, बहुविवाह, तीन तलाक पर पूरी तरह रोक लगेगी।
60 हजार लोगों से ली गयी राय
उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने से पूर्व 3 वर्षों तक इसपर काम हुए हैं। इसके नियमावली का ड्राफ्ट 4 खंडों में 749 पेज में तैयार किये हैं। इसके लिए 70 से अधिक पब्लिक मीटिंग, 2.33 लाख लिखित ऑनलाइन फीडबैक और 60 हजार लोगों से बातचीत किये गये।
उत्तराधिकार के मामलों में पुरूष-महिला को समान अधिकार
समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड 2024 अधिनियम संपत्ति में उत्तराधिकार के मामलों में पुरूष और महिला को समान अधिकार देता है। यानि पैतृत संपत्ति में महिलाओं के अधिकार संरक्षित रहेंगे। इसके अलावा ऑनलाइन इच्छापत्र अपलोड, संशोधन और पुनः सत्यापन की सुविधा भी प्रदान करता है। विवाह के मामलों में बहुविवाद, बहुपतित्व, हलाला, इद्दत और तीन तलाक अमान्य हंगे। विवाह के लिए दोनों पक्ष को मानसिक रूप से स्वस्थ्य और विवाह की अनुमति अनिवार्य होगी। 26 मार्च 2010 के बाद हुए विवाह को पंजीकृत करना अनिवार्य होगा। साथ ही लिव इन रिलेशन को भी पंजीकृत कराना अनिवार्य होगा।