कुडमी समाज के रेल रोको-रास्ता रोको के विरोध में आदिवासी समाज की संयुक्त इकाई का हजारीबाग से रांची राजभवन कूच

हजारीबाग, 19 सितंबर 2025

कुडमी समाज द्वारा अनुसूचित जनजाति (ST) दर्जे और कुडमाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की माँग को लेकर झारखंड, पश्चिम बंगाल, और ओडिशा को जोड़ने वाली ट्रेनों के अनिश्चितकालीन रेल रोको और रास्ता रोको का ऐलान किया गया है। इस आंदोलन ने आदिवासी समुदायों सहित अन्य समुदायों में तनाव पैदा किया है, जो सामाजिक सौहार्द और आर्थिक व्यवस्था को प्रभावित कर रहा है। इसके विरोध में आदिवासी समाज की संयुक्त इकाई, जिसमें रमेश कुमार हेम्ब्रोम (संयोजक, आदिवासी समाज), महालाल हंसदा (संयोजक, झारखंड आदिवासी दलित मंच), नीरज कुमार बेसरा (संयुक्त सचिव, अखिल भारतीय आदिवासी परिषद), सुशील ओडया (केंद्रीय उपाध्यक्ष, आदिवासी छात्र संघ), और महेंद्र बेक (अध्यक्ष, केंद्रीय सरना समिति) शामिल हैं, 20 सितंबर 2025 को हजारीबाग से रांची राजभवन तक शांतिपूर्ण कूच करेगी। यह कूच हजारीबाग से शुरू होकर रांची राजभवन तक जाएगा, जो आदिवासी समाज की एकजुटता का प्रतीक होगा।

आदिवासी समाज के संयोजक रमेश कुमार हेम्ब्रोम ने कहा कि हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग—महिलाएँ, पुरुष, युवा, और बुजुर्ग—इस मार्च में शामिल होंगे, जो कुडमी समाज के अवरोधकारी आंदोलनों का बहिष्कार करते हुए सामाजिक एकता और शांति का संदेश देगा। यह आंदोलन जनजीवन, विशेष रूप से गरीब और मजदूर वर्ग, को प्रभावित करता है। आदिवासी समाज सरकार से माँग करता है कि वह कुडमी समाज की माँगों पर संवाद के माध्यम से त्वरित समाधान निकाले।

 

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