ओडिशा: शीर्ष माओवादी नेता गणेश उइके समेत 6 नक्सली मुठभेड़ में मारे गए, 1.1 करोड़ का था इनामी

भुवनेश्वर, 25 दिसंबर 2025

 

ओडिशा के कंधमाल जिले में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। सीपीआई (माओवादी) के केंद्रीय कमिटी सदस्य और राज्य में संगठन के प्रमुख गणेश उइके समेत कुल छह नक्सली दो अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए। उइके पर केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से कुल 1.1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। पुलिस के अनुसार, यह ऑपरेशन नक्सलवाद के खिलाफ चल रही मुहिम में एक बड़ा झटका है और ओडिशा को नक्सल-मुक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

ओडिशा पुलिस के डीजीपी योगेश बहादुर खुरानिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बुधवार रात को गुम्मा जंगल क्षेत्र में दो नक्सली मारे गए थे, जबकि गुरुवार सुबह चकापाड थाना क्षेत्र के जंगलों में हुई मुठभेड़ में चार नक्सली ढेर हो गए। इनमें गणेश उइके भी शामिल हैं। डीजीपी ने कहा, “केंद्रीय कमिटी सदस्य की मौत ओडिशा पुलिस के लिए बड़ी सफलता है। इससे राज्य में माओवादियों की रीढ़ टूट गई है।”ऑपरेशन के विवरण

  • खुफिया सूचना के आधार पर ओडिशा पुलिस के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी), सीआरपीएफ और बीएसएफ की 23 टीमों ने कंधमाल और गंजम जिले की सीमा पर रंपा जंगल क्षेत्र में संयुक्त अभियान शुरू किया था।
  • गुरुवार सुबह कई जगहों पर गोलीबारी हुई। मुठभेड़ स्थल से चार नक्सलियों के शव बरामद किए गए, जिनमें दो महिलाएं शामिल हैं।
  • बरामद हथियारों में दो इनसास राइफल और एक .303 राइफल शामिल हैं।
  • अन्य मारे गए नक्सलियों की पहचान अभी की जा रही है।

गणेश उइके कौन था?69 वर्षीय गणेश उइके तेलंगाना के नालगोंडा जिले के पुल्लेमाला गांव का रहने वाला था। वह पक्का हनुमंतु, राजेश तिवारी, चमरू और रूपा जैसे उपनामों से जाना जाता था। वह ओडिशा-छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र कॉरिडोर में लंबे समय से सक्रिय था और कई बड़े हमलों में शामिल रहा। कुछ रिपोर्ट्स में उसे 2013 के झीरम घाटी नरसंहार का मास्टरमाइंड भी बताया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्री की प्रतिक्रिया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस सफलता की सराहना की और इसे नक्सल-मुक्त भारत की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा, कंधमाल में इस बड़े ऑपरेशन में गणेश उइके समेत 6 नक्सली neutralised हुए हैं। इससे ओडिशा नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त होने की दहलीज पर खड़ा है। हम 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद खत्म करने के संकल्पित हैं।”

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अभियान अभी जारी है और कंधमाल-गंजम सीमा पर और सफलता की उम्मीद है। यह घटना मालकांगिरी में हाल ही में 22 नक्सलियों के सरेंडर के बाद आई है, जो नक्सलवाद के कमजोर पड़ने का संकेत दे रही है।

 

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