रांची, झारखंड
झारखंड के हजारीबाग जिले में सुरक्षा बलों को नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। सोमवार सुबह गोरहर थाना क्षेत्र के पांतितीरी (या पनतीतरी) जंगल में सीआरपीएफ की कोबरा 209 बटालियन, गिरिडीह और हजारीबाग पुलिस की संयुक्त टीम ने नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में तीन कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया। इनमें भाकपा माओवादी की केंद्रीय कमेटी का सदस्य और एक करोड़ रुपये के इनामी सहदेव सोरेन उर्फ प्रवेश, झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी (सैक) के सदस्य 25 लाख के इनामी रघुनाथ हेंब्रम उर्फ चंचल और 10 लाख के इनामी जोनल कमांडर बिरसेन गंझू उर्फ रामखेलावन शामिल हैं।
मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों ने तीन एके-47 राइफलें भी बरामद की हैं। यह कार्रवाई नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान की सबसे महत्वपूर्ण सफलताओं में से एक मानी जा रही है, जो राज्य को मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त बनाने के लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है।मुठभेड़ का विवरणखुफिया सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने रविवार रात से ही सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। सोमवार सुबह करीब 6 बजे पांतितीरी जंगल में नक्सलियों की मौजूदगी का पता चलते ही संयुक्त टीम ने घेराबंदी की। नक्सलियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी, जिसका जवाब सुरक्षाबलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। लगभग दो घंटे चले इस एनकाउंटर में तीनों नक्सली मारे गए। मुठभेड़ स्थल बोकारो और गिरिडीह जिलों की सीमा से सटा जंगली इलाका है, जहां नक्सली गतिविधियां बढ़ रही थीं।
झारखंड पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “यह ऑपरेशन नक्सलियों के एक बड़े दस्ते को निशाना बनाकर चलाया गया था। सहदेव सोरेन जैसे शीर्ष कमांडर का सफाया न केवल सुरक्षा बलों के लिए राहत है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी सुरक्षा का संदेश है।” एनकाउंटर के बाद इलाके में सर्च अभियान जारी है, ताकि अन्य फरार नक्सलियों को पकड़ा जा सके।

मारे गए नक्सलियों का बैकग्राउंड
- सहदेव सोरेन उर्फ प्रवेश: भाकपा माओवादी की केंद्रीय कमेटी का प्रमुख सदस्य, जिस पर एक करोड़ रुपये का इनाम था। हजारीबाग के हकमसाही गांव का निवासी, सोरेन 1990-91 में संगठन से जुड़ा। वह कई बड़े हमलों में शामिल रहा, जिसमें पुलिसकर्मियों पर हमले और आईईडी विस्फोट शामिल हैं। कुछ महीनों पहले ही उसके सिर पर एक करोड़ का इनाम घोषित किया गया था।
- रघुनाथ हेंब्रम उर्फ चंचल: सैक का सदस्य, 25 लाख के इनामी। बिहार-झारखंड सीमा क्षेत्र में सक्रिय, कई उग्रवादी गतिविधियों का मास्टरमाइंड।
- बिरसेन गंझू उर्फ रामखेलावन: जोनल कमांडर, 10 लाख के इनामी। स्थानीय स्तर पर भर्ती और ट्रेनिंग का जिम्मा संभालता था।
इन नक्सलियों का सफाया न केवल इनामी राशि के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि संगठन की कमान संरचना को कमजोर करने के मामले में भी।
झारखंड में नक्सलवाद की स्थिति
झारखंड पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में वर्तमान में 100 से 150 माओवादी सक्रिय हैं, जिनमें से 58 पर कुल 5 करोड़ 46 लाख रुपये का इनाम घोषित है। जनवरी 2025 से अब तक 28 नक्सली मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं। इस साल की सबसे बड़ी मुठभेड़ 21 अप्रैल को बोकारो के लुगु पहाड़ पर हुई थी, जिसमें एक करोड़ के इनामी प्रयाग मांझी उर्फ विवेक समेत आठ नक्सली ढेर हुए थे।पिछले एक महीने में ही दो एक करोड़ के इनामी नक्सली मारे गए हैं, जो सुरक्षा बलों की बढ़ती सतर्कता को दर्शाता है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य तेज हो रहे हैं, जिससे स्थानीय लोग मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।