ढाका/नई दिल्ली, 21 दिसंबर 2025
बांग्लादेश में प्रमुख युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद शुरू हुई हिंसक प्रदर्शनों ने देश को अस्थिर कर दिया है। प्रदर्शनकारियों ने कई मीडिया संस्थानों को निशाना बनाया और आग के हवाले कर दिया, जबकि चटगांव में भारतीय सहायक उच्चायोग पर हमले के बाद सुरक्षा चिंताओं के चलते भारतीय वीजा आवेदन केंद्र (IVAC) की सेवाएं अगले नोटिस तक निलंबित कर दी गई हैं।
शरीफ उस्मान हादी, जो पिछले साल शेख हसीना सरकार के खिलाफ छात्र आंदोलन के प्रमुख नेता थे और फरवरी 2026 के चुनाव लड़ने वाले थे, की 18 दिसंबर को सिंगापुर में मौत हो गई। वे 12 दिसंबर को ढाका में मस्जिद से निकलते समय गोली लगने से घायल हो गए थे। उनकी मौत की खबर फैलते ही ढाका सहित कई शहरों में प्रदर्शन भड़क उठे। प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख अखबारों प्रथम आलो और द डेली स्टार के दफ्तरों पर हमला किया, तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इन हमलों में पत्रकारों को जान जोखिम में डालकर इमारतों से निकाला गया। इसके अलावा कई राजनीतिक दफ्तरों, सांस्कृतिक केंद्रों और पूर्व नेताओं के घरों को निशाना बनाया गया।
चटगांव में प्रदर्शनकारियों ने भारतीय सहायक उच्चायोग पर पत्थर फेंके और तोड़फोड़ की कोशिश की, जिसमें कुछ लोग घायल हुए। इस घटना के बाद IVAC ने घोषणा की कि “चटगांव में AHCI पर हालिया सुरक्षा घटना के कारण 21 दिसंबर 2025 से भारतीय वीजा सेवाएं अगले नोटिस तक निलंबित रहेंगी।” यह फैसला सुरक्षा कारणों से लिया गया है। बांग्लादेश के अन्य शहरों में भी भारत विरोधी नारे लगे और कुछ जगहों पर भारतीय मिशनों के पास प्रदर्शन हुए।

भारत का स्पष्टिकरण: दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन पर
इस बीच, नई दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर 20 दिसंबर को छोटा प्रदर्शन हुआ, जिस पर बांग्लादेश के कुछ मीडिया ने भ्रामक खबरें चलाईं। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि यह कोई सुरक्षा संकट नहीं था। करीब 20-25 युवाओं का समूह मयमनसिंह में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की नृशंस हत्या के विरोध में नारे लगा रहा था और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग कर रहा था। पुलिस ने समूह को कुछ मिनटों में तितर-बितर कर दिया। मंत्रालय ने बांग्लादेश मीडिया के भ्रामक प्रचार की निंदा की और कहा कि भारत विदेशी मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उच्चायोग ने कहा कि भारत बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर गहरी चिंता जता रहा है। दीपू चंद्र दास की हत्या को “भयानक” (horrendous) बताया गया। भारत स्थिति पर करीबी नजर रख रहा है, बांग्लादेशी अधिकारियों से संपर्क में है और अल्पसंख्यकों पर हमलों की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग की है।
मयमनसिंह में दीपू चंद्र दास (27) की हत्या कथित ईशनिंदा के आरोप में भीड़ द्वारा की गई थी, जिसमें उनकी लाश को जलाया भी गया। इस घटना की भी व्यापक निंदा हुई है और कई गिरफ्तारियां हुई हैं। भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर चिंता जताई है और दोषियों को सजा देने की मांग की है।बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हिंसा की निंदा की है और शरीफ हादी के लिए राष्ट्रीय शोक घोषित किया। हालांकि, कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति ने फरवरी में होने वाले चुनावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थिति पर नजर रखी जा रही है।