रांची,
झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार, 22 अगस्त 2025 को पुनः शुरू हुआ, जो 28 अगस्त तक चलेगा। यह सत्र पहले 1 अगस्त से शुरू हुआ था, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के कारण 4 अगस्त को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 4,296 करोड़ 62 लाख रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया। इसके बाद सदन की कार्यवाही सोमवार, 25 अगस्त तक स्थगित कर दी गई।
शिबू सोरेन को भारत रत्न की मांग
सत्र के दौरान सत्तारूढ़ झामुमो ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन को मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग को जोरदार ढंग से उठाया। पौड़ेयाहाट विधायक प्रदीप यादव और झामुमो महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने विधानसभा से इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजने की अपील की। पांडेय ने कहा कि शिबू सोरेन ने नशाखोरी, महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदोलन चलाया और झारखंड अलग राज्य आंदोलन को निर्णायक मुकाम तक पहुंचाया। उनके योगदान को देखते हुए उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलना चाहिए। इस मांग को विपक्ष के कुछ नेताओं, विशेष रूप से भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने भी समर्थन दिया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मुद्दे पर कहा, “यह सदन की भावना है। सदस्यों ने जनभावना को प्रस्तुत किया है। सदन इस पर विचार करेगा।”
शिबू सोरेन और अन्य हस्तियों को श्रद्धांजलि
सत्र की शुरुआत में विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन और पूर्व शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी सहित सभी विधायकों ने दिवंगत हस्तियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सदन में दो मिनट का मौन रखा गया और ‘शिबू सोरेन अमर रहें’ के नारे गूंजे। शिबू सोरेन के निधन पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भावुक हो गए और उनकी आंखों में आंसू छलक पड़े।
स्मृति स्थल और पाठ्यक्रम में शामिल होगी जीवनी
सदन ने विधानसभा परिसर में शिबू सोरेन के लिए स्मृति स्थल स्थापित करने का प्रस्ताव भी पारित किया। साथ ही, सत्तारूढ़ दल ने घोषणा की कि शिबू सोरेन की जीवनी को सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा, ताकि नई पीढ़ी उनके संघर्ष और योगदान से परिचित हो सके।
सत्र के अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
इस सत्र में 26 अगस्त को अतिवृष्टि और किसानों की समस्याओं पर विशेष चर्चा होगी। इसके अलावा, झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक, 2025, झारखंड कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक, 2025 और झारखंड सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (विशेष छूट) विधेयक, 2025 जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद है।