शिरीष चंद्र मुर्मू ने भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर का पदभार संभाला: बैंकिंग क्षेत्र में नया नेतृत्व

मुंबई, 10 अक्टूबर 2025

 

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) में महत्वपूर्ण बदलाव आ गया है। वरिष्ठ अधिकारी शिरीष चंद्र मुर्मू ने गुरुवार को डिप्टी गवर्नर का पदभार संभाल लिया। यह नियुक्ति केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद प्रभावी हुई, जो आरबीआई की मौद्रिक नीति और बैंकिंग पर्यवेक्षण को मजबूत करने की दिशा में एक कदम मानी जा रही है। मुर्मू का कार्यकाल तीन वर्षों के लिए निर्धारित है, जो अगले आदेश तक या पूर्व निर्धारित अवधि तक चलेगा।

आरबीआई ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि मुर्मू ने एम. राजेश्वर राव का स्थान लिया है, जिनका विस्तारित कार्यकाल 8 अक्टूबर को समाप्त हो गया। राजेश्वर राव ने पिछले पांच वर्षों में बैंकिंग सुपरविजन और वित्तीय स्थिरता पर महत्वपूर्ण योगदान दिया था। मुर्मू की नियुक्ति मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) द्वारा 29 सितंबर को मंजूर की गई थी, और यह आरबीआई एक्ट 1934 के तहत चार डिप्टी गवर्नरों की सीमा के अनुरूप है।

 

शिरीष चंद्र मुर्मू का प्रोफाइल: अनुभवी अर्थशास्त्री और प्रशासक

शिरीष चंद्र मुर्मू एक अनुभवी अर्थशास्त्री हैं, जिन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), नई दिल्ली से एमएससी की डिग्री प्राप्त की है। 1991 में आरबीआई से जुड़ने के बाद, उन्होंने केंद्रीय बैंक के विभिन्न विभागों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। हाल ही में, वे आरबीआई के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में कार्यरत थे, जहां उन्होंने सुपरविजन डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी संभाली। इस भूमिका में उन्होंने वरिष्ठ निरीक्षण कार्य, उच्च-स्तरीय प्रशासनिक और नियामकीय जिम्मेदारियां निभाईं, जो बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध हुईं।

मुर्मू का अनुभव मौद्रिक नीति, वित्तीय बाजार नियमन और बैंकिंग पर्यवेक्षण जैसे क्षेत्रों में गहरा है। विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी विशेषज्ञता आरबीआई की आगामी चुनौतियों—जैसे मुद्रास्फीति नियंत्रण, डिजिटल बैंकिंग और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं—का सामना करने में सहायक होगी। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “मुर्मू की नियुक्ति आरबीआई की आंतरिक प्रतिभा को बढ़ावा देने का उदाहरण है, जो संस्थागत निरंतरता सुनिश्चित करेगी।”

 

डिप्टी गवर्नर की भूमिका और प्रभाव

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर के रूप में, मुर्मू मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के सदस्य होंगे और बैंकिंग सुपरविजन, वित्तीय बाजारों के नियमन जैसे विभागों का प्रबंधन करेंगे। आरबीआई में वर्तमान में अन्य तीन डिप्टी गवर्नर—टी. रबी शंकर, स्वामीनाथन जे. और पूनम गुप्ता—काम कर रहे हैं। उनकी टीम के साथ मिलकर मुर्मू गवर्नर शक्तिकांत दास के नेतृत्व में केंद्रीय बैंक की नीतियों को लागू करने में अहम भूमिका निभाएंगे।

यह नियुक्ति ऐसे समय में हो रही है जब भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रही है। हाल की एमपीसी बैठक में रेपो रेट को 6.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया था, और मुर्मू की उपस्थिति भविष्य की बैठकों में सुपरविजन संबंधी इनपुट को मजबूत करेगी। बैंकिंग समुदाय ने इस बदलाव का स्वागत किया है, उम्मीद जताई जा रही है कि इससे वित्तीय समावेशन और जोखिम प्रबंधन में नई गति आएगी।

 

आरबीआई की नेतृत्व संरचना

आरबीआई एक्ट के अनुसार, केंद्रीय बैंक में चार डिप्टी गवर्नर होते हैं, जो विभिन्न विभागों का नेतृत्व करते हैं। पिछली नियुक्तियों में भी आंतरिक पदोन्नति को प्राथमिकता दी गई है, जो संस्था की क्षमता निर्माण को दर्शाता है। मुर्मू की नियुक्ति के साथ, आरबीआई की शीर्ष टीम पूरी तरह से मजबूत हो गई है, जो भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को समर्थन देगी।

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