बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में कई मोड़ और दिलचस्प खबरें लगातार मिल रही है। अब इसमें सस्पेंस, थ्रीलर के साथ साथ ट्रेजडी भी दिखने लगा है। इस चुनावी की सरगर्मियों के बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में टिकट वितरण को लेकर आंतरिक कलह ने तीखा रूप ले लिया है। रविवार को पटना के 10 सर्कुलर रोड स्थित पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के आवास के बाहर एक नाटकीय घटना ने राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया। मधुबन विधानसभा सीट से टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे RJD नेता मदन शाह ने टिकट न मिलने पर अपना कुर्ता फाड़ दिया और सड़क पर लेटकर फूट-फूटकर रोने लगे। उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर पैसे लेकर टिकट बेचने का गंभीर आरोप लगाते हुए राज्यसभा सांसद संजय यादव पर दलाली का इल्जाम ठोका।
पहले धरना फिर हाईवोल्टेज ड्रामा
मदन शाह, जो 1990 के दशक से RJD के लिए सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में जानी जाती हैं, मधुबन (मोतिहारी) सीट से टिकट की अपेक्षा कर रहे थे। लेकिन पार्टी ने किसी अन्य उम्मीदवार को टिकट थमा दिया, जिससे वे भड़क उठे। दोपहर करीब 2 बजे वे अचानक लालू-राबड़ी आवास पहुंचे और मुख्य द्वार के ठीक सामने धरना शुरू कर दिया। वीडियो फुटेज में देखा गया कि शाह ने अपना कुर्ता चीर लिया, सड़क पर लेट गए और जोर-जोर से रोते हुए चिल्लाए, “मैंने पार्टी के लिए खून-पसीना बहाया, लेकिन पैसे वाले लोगों को प्राथमिकता दी गई।”रोते-रोते उन्होंने कहा, “मुझसे 2 करोड़ 70 लाख रुपये की मांग की गई। जब मैंने पैसे देने से इनकार किया, तो मेरा टिकट काट दिया गया।” शाह ने तेजस्वी यादव को “घमंडी” बताते हुए कहा कि वे कार्यकर्ताओं से मिलते तक नहीं हैं, जबकि लालू जी को उन्होंने अपना गुरु माना। इस दौरान आवास के बाहर अफरा-तफरी मच गई। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें शांत कराने की कोशिश की, लेकिन शाह ने नारेबाजी जारी रखी। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसे हजारों लोग देख चुके हैं।
संजय यादव पर दलाली का आरोप: पार्टी में सनसनी
मदन शाह ने अपने आरोपों का केंद्र बिंदु RJD के राज्यसभा सांसद संजय यादव को बनाया। उन्होंने कहा, “संजय यादव टिकट की दलाली करते हैं। पैसों के बदले उम्मीदवार तय किए जाते हैं। जो कार्यकर्ता दशकों से पार्टी के लिए समर्पित हैं, उन्हें किनारे कर दिया गया। धनबल और प्रभावशाली लोगों को तरजीह दी जा रही है।” शाह का दावा है कि यह पहली बार नहीं है जब टिकट वितरण में भ्रष्टाचार हुआ है।RJD के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “टिकट बंटवारे को लेकर कई दावेदार नाराज हैं। लेकिन यह घटना पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रही है।” संजय यादव या पार्टी नेतृत्व की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
टिकट विवाद ने बढ़ाई टेंशन
बिहार विधानसभा चुनाव 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होंगे, जबकि 14 नवंबर को नतीजे घोषित होंगे। महागठबंधन (RJD, कांग्रेस, वाम दलों) में सीट बंटवारे को लेकर पहले से ही खींचतान चल रही है। पहले चरण के लिए नामांकन की तारीख खत्म हो चुकी है और दूसरे व अंतिम चरण के लिए मात्र एक दिन बचे हैं। राजद ने अपनी कोई आधिकारिक सूची भी जारी नहीं की। आधे दर्जन से अधिक सीटों पर महागठबंधन दल के उम्मीदवार आमने सामने आ गये हैं। इससे पहले भी राबड़ी आवास के बाहर टिकट के दावेदारों के प्रदर्शन की घटनाएं हुई हैं। अक्टूबर के पहले सप्ताह में बड़हरा सीट के समर्थकों ने लालू की गाड़ी घेर ली थी, जबकि मसौढ़ी और रघुपति यादव के समर्थकों ने नारेबाजी की थी। कांग्रेस में भी इसी तरह का विवाद चल रहा है। विधायक अफाक आलम ने पार्टी अध्यक्ष राजेश राम पर टिकट बेचने का आरोप लगाते हुए ऑडियो टेप जारी किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये आंतरिक कलहें महागठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े कर रही हैं, जबकि NDA मजबूत दिख रहा है।