जानिये दुनिया के सबसे अमीर, खतरनाक और शक्तिशाली देश कौन से हैं, भारत लिस्ट में कहां?

 

दुनिया के सबसे अमीर देशों की सूची सामने आ चुकी है। फोर्ब्स ने 2025 में अमीर देशों की सूची में अमेरिका को 10 वें नंबर पर जगह दी है। पहले नंबर पर एक छोटे से देश लक्जमर्बग को जगह मिली है, जिसकी आबादी मात्र 6.75 लाख है। वंही इस सूची में दूसरे नंबर पर सिंगापुर, तीसरे नंबर पर चीन के प्रशासनिक क्षेत्र मकाऊ एसएआर को जगह मिली है। मकाऊ में 40 से अधिक कैसीनों है, जिसकी वजह से यहां भारी संख्या में अमीर पर्यटक पहुंचते हैं। टॉप टेन् में चौथे नंबर पर आयरलैंड, पांचवें नंबर पर कतर, नार्वे को छठा,  स्विट्जरलैंड को सांतवां, ब्रुनेई दारूस्सलाम को आठवा, गुयाना को नौवां और अमेरिका को दसवें नंबर पर जगह मिली है। अमेरिका एक महाशक्ति है और इसकी जीडीपी भी दुनिया में सबसे बड़ी है, लेकिन जनसंख्या अधिक होने के कारण इस सूची में वो नीचे के पायदान पर खिसक गयी है। यह रैंकिंग देश के जीडीपी के आधार पर तैयार की गयी है।

ताकतवर देशों की सूची में भारत 12 वें नंबर पर

बिजनेस मैगजीन फोर्ब्स (Forbes) ने 2025 के सबसे पावरफुल देशों की सूची जारी की है। इसमें अमेरिका पहले, चीन दूसरे और रूस तीसरे स्थान पर काबिज हैं। वहीं ब्रिटेन चौथे, जर्मनी पांचवें, दक्षिण कोरिया छठे, फ्रांस सातवें, जापान आठवें, साउदी अरब नौवें और इजराइल दसवें नंबर पर है। भारत इस लिस्ट में यूएई के बाद 12वें नंबर पर है। इस रैंकिंग को तैयार करने के लिए नेतृत्व क्षमता, आर्थिक प्रभाव, राजनीतिक शक्ति, वैश्विक गठबंधन और सैन्य ताकत जैसे कारकों को ध्यान में रखा गया है।

खतरनाक देश की सूची

दुनिया में हर समय कंही ना कंही युद्ध जारी रहता है, लेकिन कुछ देश ऐसे हैं जहां इंसानों के जिंदगी की कोई कीमत नहीं है। इंसान चाहे घर में रहे या घर से बाहर, उनके सर पर खतरा मंडराता रहा है और इस देश में कोई जाना नहीं चाहता। इस सूची में सबसे ऊपर है यमन। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार यमन सबसे खराब मानवीय संकट से जूझ रहा है। सैन्य संघर्ष के कारण 4.3 मिलियन लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है, जबकि 14 मिलियन लोग भुखमरी और जानलेवा बीमारी की चपेट में है। यानि यहां के 80 प्रतिशत आबादी को मानवीय सहायता की सख्त जरूरत है। उसके बाद नंबर आता है सूडान, दक्षिण सूडान, अफगानिस्तान, यूक्रेन, डीआर कांगो, रूस, सीरिया, इजराइल और माली। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद रूस के रिहाईसी इलाकों में भी खतरा मंडरा रहा है और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों की वजह से आम लोगों की परेशानी बढ़ी है।

 

 

 

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