चेन्नई, 21 सितंबर 2025
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने तमिलनाडु में निष्क्रिय राजनीतिक दलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए 42 पंजीकृत मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। यह कदम देशव्यापी सफाई अभियान का हिस्सा है, जिसमें कुल 474 दलों को हटाया गया है। इनमें डीएमके और बीजेपी के सहयोगी दल भी शामिल हैं, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है।
निष्क्रियता का आधार: छह सालों में कोई चुनावी भागीदारी नहीं
प्रतिनिधित्व जनता अधिनियम, 1951 की धाराओं का उल्लंघन करते हुए इन दलों ने पिछले छह वर्षों (2019 से) में कोई चुनाव नहीं लड़ा। ईसीआई ने पहली चरण मे 9 अगस्त को 334 दलों को हटाया था, जबकि यह दूसरा चरण है।
तमिलनाडु में प्रभावित दलों में प्रमुख नामों में शामिल हैं:
- मणिथानेेया माक्कल काची (एमएमके): पापनासम विधायक एम.एच. जावाहिरुल्लाह के नेतृत्व वाला यह दल डीएमके का सहयोगी रहा है। 2021 विधानसभा चुनाव में डीएमके के उगते सूर्य प्रतीक पर दो सीटें जीतीं।
- कोंगुनाडु माक्कल देसिया काची (केएमडीके): तिरुचेंगोडे विधायक ई.आर. एस्वरन के नेतृत्व में। डीएमके गठबंधन में एक विधायक और एक सांसद हैं।
- तमिलनाडु माक्कल मुननेत्र कझगम (टीएमएमके): जॉन पांडियन के नेतृत्व वाला, जो बीजेपी का सहयोगी है। 2024 लोकसभा चुनाव में तेंकासी सीट पर कमल प्रतीक पर लड़ा।
- मणिथानेेया जननयागा काची (एमजेएके): थमिमुन अंसारी के नेतृत्व में, जो 2016 में एआईएडीएमके के दो पत्ती प्रतीक पर चुनाव लड़ा था।
अन्य प्रभावित दलों में कोंगुनाडु मुननेत्र कझगम, माक्कल नीति काची, तमिलनाडु किसान और मजदूर पार्टी, एन.आर. धनापालन की पेरुंथलैवर माक्कल काची आदि शामिल हैं।
डीएमके और बीजेपी पर असर: सहयोगियों की सीटें सुरक्षित, लेकिन राजनीतिक झटका
हालांकि इन दलों के उम्मीदवार डीएमके या बीजेपी के प्रतीक पर चुनाव लड़कर जीते थे, इसलिए उनके विधायकी या सांसद पद प्रभावित नहीं होंगे। एमएमके के जावाहिरुल्लाह और अब्दुल समद, तथा केएमडीके के एस्वरन डीएमके प्रतीक पर जीते थे। लेकिन यह कदम इन दलों की स्वतंत्र पहचान को समाप्त करता है, जिससे गठबंधन राजनीति प्रभावित हो सकती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह ईसीआई का चुनावी प्रक्रिया को साफ-सुथरा बनाने का प्रयास है, लेकिन तमिलनाडु जैसे बहुदलीय राज्य में छोटे दलों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। डीएमके नेता ने कहा, “यह निर्णय दलों की निष्क्रियता पर आधारित है, न कि राजनीतिक साजिश पर।” वहीं, बीजेपी ने इसे “चुनावी पारदर्शिता का स्वागतयोग्य कदम” बताया।
देशव्यापी सफाई अभियान: कुल 474 दल हटे
ईसीआई का यह अभियान राजनीतिक दलों को सक्रिय रखने और वित्तीय प्रकटीकरण सुनिश्चित करने का प्रयास है। तमिलनाडु के अलावा अन्य राज्यों में भी सैकड़ों दल प्रभावित हुए हैं। आयोग का कहना है कि इससे चुनावी संसाधनों का दुरुपयोग रुकेगा और वास्तविक दलों को मजबूती मिलेगी। तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पहले यह कदम गठबंधनों को पुनर्गठित करने का अवसर दे सकता है। डीएमके गठबंधन मजबूत बना रहेगा, जबकि बीजेपी को नए सहयोगियों की तलाश करनी पड़ सकती है। ईसीआई ने स्पष्ट किया है कि प्रभावित दल पुनः पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं, यदि वे सक्रियता साबित करें।