जुबीन गर्ग के अंतिम संस्कार में जुटी रिकॉर्ड भीड़, लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने वैश्विक स्तर पर चौथे सबसे बड़े सार्वजनिक समारोह बताया

गुवाहाटी, 23 सितंबर 2025
असम के संगीत जगत के दिग्गज जुबीन गर्ग के निधन पर पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है। 21 सितंबर को गुवाहाटी में उनके अंतिम संस्कार में लाखों प्रशंसकों की भारी भीड़ जुटी, जिसने शहर को शोकमय सागर में बदल दिया। इस ऐतिहासिक सभा को लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने वैश्विक स्तर पर चौथे सबसे बड़े सार्वजनिक समारोह के रूप में मान्यता दी है। यह रिकॉर्ड माइकल जैक्सन, पोप जॉन पॉल द्वितीय और क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कारों के बाद आता है, जो जुबीन की लोकप्रियता और सांस्कृतिक प्रभाव को दर्शाता है।
अंतिम विदाई का दृश्य: लाखों की भीड़, भावुक श्रद्धांजलि
जुबीन गर्ग के पार्थिव शरीर को 21 सितंबर को सिंगापुर से गुवाहाटी लाया गया, जहां अर्जुन भोगेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में उन्हें अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। रात भर प्रशंसक घंटों लाइन में खड़े रहे, पारंपरिक असमिया ‘गमछा’ से ढके कांच के ताबूत के पास पहुंचने के लिए। सुबह 7:30 बजे उनका शवयात्रा शुरू हुई, जिसमें असम के कोने-कोने से लोग शामिल हुए। सड़कें फूलों, गीतों और मौन जुलूसों से पट गईं।युवा से लेकर बुजुर्ग तक, सभी ने जुबीन के गीतों पर नाचते-गाते शोक व्यक्त किया। सोशल मीडिया पर भीड़ की तस्वीरें वायरल हो गईं, जहां कईयों ने इसे “असम के इतिहास का दुर्लभ एकता का क्षण” करार दिया। ट्रैफिक रुक गया, दैनिक जीवन थम गया—यह शोक असम की सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक बन गया।
पृष्ठभूमि: सिंगापुर में हादसा, 52 वर्ष की उम्र में अलविदा
‘हम्मिंग किंग’ के नाम से मशहूर जुबीन गर्ग (52) का निधन 19 सितंबर 2025 को सिंगापुर में एक दुखद स्कूबा डाइविंग हादसे में हो गया। एक परफॉर्मेंस के लिए वहां गए जुबीन लाइफ जैकेट के बिना तैरते समय बेहोश हो गए और डूब गए। उनके निधन की खबर ने पूरे भारत को स्तब्ध कर दिया।जुबीन न केवल असमिया संगीत के राजा थे, बल्कि बॉलीवुड में भी अपनी पहचान बना चुके थे। ‘गैंगस्टर’ फिल्म का सुपरहिट गाना ‘या अली’ आज भी युवाओं का पसंदीदा है। उन्होंने असमिया संगीत को राष्ट्रीय पटल पर पहुंचाया, अभिनय, सामाजिक कार्यों और बहुभाषी गीतों से लाखों दिल जीते। उनके निधन से असम में एक युग का अंत हो गया।
लिम्का रिकॉर्ड: वैश्विक मान्यता
लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने इस सभा को विश्व के चौथे सबसे बड़े सार्वजनिक अंतिम संस्कार के रूप में दर्ज किया है। लाखों की संख्या में जुटे लोग—जो माइकल जैक्सन (लाखों), पोप जॉन पॉल द्वितीय और क्वीन एलिजाबेथ के समारोहों के बाद आते हैं—जुबीन के प्रभाव को प्रमाणित करते हैं। यह रिकॉर्ड न केवल उनकी लोकप्रियता, बल्कि असम के लोगों के बीच उनके बंधन को अमर बनाता है।राज्य सरकार ने भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष इंतजाम किए, जिसमें मेडिकल सपोर्ट और सार्वजनिक परिवहन शामिल थे। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने घोषणा के मुताबिक शव का दूसरा पोस्टमॉर्टम 23 सितंबर को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में हुआ।
प्रभाव और विरासत
जुबीन गर्ग का जाना असम के संगीत और संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके प्रशंसक उन्हें एक सुपरस्टार से अधिक, एक सांस्कृतिक पुल के रूप में याद करेंगे। यह रिकॉर्ड उनके संगीत को वैश्विक मंच पर स्थापित करता है। एक शोकाकुल प्रशंसक ने कहा, “यह न केवल एक कलाकार का अंत है, बल्कि असमिया संगीत के युग का अंत है।”असम में उनके सम्मान में कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं, और उनके गीत अब शोक के साथ-साथ प्रेरणा का स्रोत बन चुके हैं।

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