लखनऊ, 18 अक्टूबर 2025
भारत की रक्षा क्षमता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाला ऐतिहासिक क्षण आज लखनऊ में देखने को मिला। उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड पर स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस यूनिट से तैयार की गई दुनिया की सबसे घातक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ की पहली खेप को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह उपलब्धि न केवल भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की दिशा में मील का पत्थर है, बल्कि दुश्मन देशों को चेतावनी भी देती है कि अब ‘देशी ब्रह्मोस’ का दम पूरी दुनिया देखेगी।

कार्यक्रम सरोजिनी नगर स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन एवं टेस्टिंग फैसिलिटी में आयोजित हुआ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “लखनऊ अब सिर्फ तहजीब का शहर नहीं, बल्कि तकनीक और उद्योगों का केंद्र बन चुका है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस ने अपनी ताकत दिखा दी थी – वह तो बस ट्रेलर था। पाकिस्तान का हर इंच अब ब्रह्मोस की रेंज में है।” वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने जोर देकर कहा, “जिस उत्तर प्रदेश को कभी पिछड़ेपन के लिए जाना जाता था, आज वही राज्य रक्षा उत्पादन में अग्रणी है। यह यूनिट युवाओं को रोजगार और देश को मजबूत रक्षा कवच देगी।”
इस अवसर पर दोनों नेताओं ने बूस्टर भवन और वारहेड बिल्डिंग का उद्घाटन भी किया। ब्रह्मोस सिम्युलेटर उपकरणों का प्रदर्शन देखा गया, जिसमें बूस्टर डॉकिंग प्रक्रिया का लाइव डेमो शामिल था। कार्यक्रम की शुरुआत पौधरोपण से हुई, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। महानिदेशक (ब्रह्मोस) डॉ. जयतीर्थ आर. जोशी ने सीएम योगी को एक प्रतीकात्मक चेक और जीएसटी बिल सौंपा, जिससे राज्य सरकार को राजस्व प्राप्त होगा।
ब्रह्मोस मिसाइल: दुनिया की सबसे घातक हथियार प्रणाली
ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा विकसित यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भारत-रूस संयुक्त उद्यम का प्रतीक है। इसकी प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
विशेषता
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विवरण
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गति
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ध्वनि की गति से 3 गुना तेज (मैक 2.8)
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रेंज
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290-400 किलोमीटर
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लॉन्च प्लेटफॉर्म
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थल, जल और वायु से लॉन्च (‘फायर एंड फॉरगेट’ तकनीक)
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मारक क्षमता
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सटीक प्रहार, विध्वंसक क्षमता – ऑपरेशन सिंदूर में सिद्ध
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उत्पादन क्षमता
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लखनऊ यूनिट से सालाना सैकड़ों मिसाइलें तैयार करने की क्षमता
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यह मिसाइल ‘ब्रह्मा’ (भारतीय नदी) और ‘मोस्को’ (रूसी नदी) के नाम पर बनी है, जो दोनों देशों की साझेदारी को रेखांकित करती है। लखनऊ यूनिट, जो मई 2025 में उद्घाटित हुई थी, 300 करोड़ रुपये की लागत से मात्र साढ़े तीन वर्षों में तैयार की गई। योगी सरकार ने इसके लिए 80 हेक्टेयर जमीन निःशुल्क उपलब्ध कराई, जिससे यह परियोजना तेजी से फली-फूली।
आत्मनिर्भर भारत को मजबूती: यूपी डिफेंस कॉरिडोर का योगदान
यह पहली खेप यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (लखनऊ, कानपुर, आगरा, झांसी, अलीगढ़, चित्रकूट नोड्स) की सफलता का प्रमाण है। रक्षा मंत्री ने कहा, “रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के बिना कोई देश सुरक्षित नहीं रह सकता। यूपी ने साबित कर दिया कि पिछड़ापन सिर्फ एक मिथक है।” इस यूनिट से न केवल भारतीय सेना को मजबूत मिसाइलें मिलेंगी, बल्कि हजारों उच्च कुशल नौकरियां भी सृजित होंगी। साथ ही, एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर के लिए टाइटेनियम एवं सुपर अलॉय मटेरियल्स प्लांट का उद्घाटन भी हुआ, जो सामरिक सामग्रियों के उत्पादन को बढ़ावा देगा।
कार्यक्रम में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, केशव प्रसाद मौर्य, डीआरडीओ चेयरमैन डॉ. समीर वी. कामत और पीटीसी इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष सचिन अग्रवाल भी उपस्थित रहे। ब्रह्मोस एयरोस्पेस और यूपी डिफेंस कॉरिडोर पर आधारित लघु फिल्में दिखाई गईं, जो इस उपलब्धि को और प्रेरणादायक बनाती हैं।
यह दिन निश्चित रूप से भारत के रक्षा इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित होगा। अब दुनिया देखेगी ‘देशी ब्रह्मोस’ का असली दम – एक ऐसा हथियार जो शत्रुओं को कांपने पर मजबूर कर देगा।