राहुल गांधी को चाईबासा कोर्ट से मिली जमानत, अमित शाह पर टिप्पणी से जुड़ा है मानहानि मामला

चाईबासा, झारखंड
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने आज, 6 अगस्त 2025 को, झारखंड के चाईबासा में एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट में पेशी दी। यह पेशी वर्ष 2018 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी से जुड़े एक मानहानि मामले में थी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद राहुल गांधी को सशर्त जमानत दे दी। लगभग 30-45 मिनट की सुनवाई के बाद, न्यायिक दंडाधिकारी सुप्रिया रानी तिग्गा की अदालत ने राहुल गांधी को ट्रायल में सहयोग करने की शर्त पर जमानत दे दी। उनके वकील प्रदीप चंद्रा और दीपांकर रॉय ने कोर्ट में उनका पक्ष रखा। अब यह मामला ट्रायल की प्रक्रिया में आगे बढ़ेगा। राहुल गांधी को इस मामले में कई बार समन जारी किए गए, लेकिन उनकी अनुपस्थिति के कारण कोर्ट ने सख्ती दिखाई। अप्रैल 2022 में जमानती वारंट और फरवरी 2024 में गैर-जमानती वारंट जारी किया गया। राहुल गांधी ने व्यक्तिगत पेशी से छूट के लिए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे मार्च 2024 में खारिज कर दिया गया। इसके बाद चाईबासा कोर्ट ने 22 मई 2025 को फिर से गैर-जमानती वारंट जारी किया। हाईकोर्ट ने उनके वकील की अर्जी पर 6 अगस्त की तारीख तय की थी, जिसके अनुपालन में राहुल गांधी आज कोर्ट में पेश हुए। राहुल गांधी सुबह करीब 10 बजे हेलीकॉप्टर से चाईबासा के टाटा कॉलेज मैदान में उतरे और सड़क मार्ग से कोर्ट पहुंचे। उनकी पेशी के दौरान कोर्ट परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। जिला प्रशासन और पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए व्यापक इंतजाम किए, जिसमें भारी पुलिस बल की तैनाती और कोर्ट में आने-जाने वाले व्यक्तियों की विशेष जांच शामिल थी।

क्या है मामला
यह मामला 28 मार्च 2018 को चाईबासा में आयोजित एक कांग्रेस अधिवेशन के दौरान राहुल गांधी द्वारा दिए गए एक भाषण से जुड़ा है। उन्होंने कथित तौर पर तत्कालीन भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को “हत्यारा” कहकर संबोधित किया था, जिसे भाजपा नेता प्रताप कटियार ने आपत्तिजनक और मानहानिकारक बताया। इसके खिलाफ कटियार ने 9 जुलाई 2018 को चाईबासा सीजेएम कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था।

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