राहुल गांधी पर सीआरपीएफ का गंभीर आरोप: सुरक्षा प्रोटोकॉल का बार-बार उल्लंघन, खरगे को लिखा पत्र

नई दिल्ली,
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने गंभीर चिंता जताई है। सीआरपीएफ के वीवीआईपी सुरक्षा प्रमुख सुनील जून ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक पत्र लिखकर राहुल गांधी पर सुरक्षा प्रोटोकॉल के उल्लंघन का आरोप लगाया है। पत्र में विशेष रूप से बिना पूर्व सूचना के की गई विदेश यात्राओं का जिक्र किया गया है, जो उनकी Z+ श्रेणी की सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा कर सकता है।

पत्र का मुख्य बिंदु: ‘येलो बुक’ प्रोटोकॉल का उल्लंघन

सीआरपीएफ के पत्र में ‘येलो बुक’ प्रोटोकॉल का हवाला दिया गया है, जो उच्च स्तरीय सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों के लिए निर्धारित दिशा-निर्देश हैं। इस प्रोटोकॉल के अनुसार, Z+ सुरक्षा वाले व्यक्ति को विदेश यात्रा से कम से कम 15 दिन पहले अपनी सुरक्षा एजेंसी को सूचित करना अनिवार्य होता है, ताकि उचित सुरक्षा इंतजाम किए जा सकें। हालांकि, राहुल गांधी ने पिछले 9 महीनों में कम से कम 6 बार बिना सूचना के विदेश यात्राएं कीं, जिससे सुरक्षा एजेंसियों को अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

पत्र में उल्लिखित यात्राओं में शामिल हैं:

  • इटली: 30 दिसंबर 2024 से 9 जनवरी 2025
  • वियतनाम: 12 से 17 मार्च 2025
  • दुबई: 17 से 23 अप्रैल 2025
  • कतर: 11 से 18 जून 2025
  • लंदन: 25 जून से 6 जुलाई 2025
  • मलेशिया: 4 से 8 सितंबर 2025

ये यात्राएं बिना किसी पूर्व सूचना के की गईं, जिससे सीआरपीएफ को तत्काल सुरक्षा व्यवस्था बनाने में कठिनाई हुई। पत्र में कहा गया है कि ऐसी लापरवाही VVIP सुरक्षा को कमजोर करती है और संभावित खतरों को आमंत्रित कर सकती है।

राहुल गांधी को Z+ ASL सुरक्षा
राहुल गांधी को भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई उच्चतम स्तर की Z+ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त है, जिसमें एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (ASL) कवर भी शामिल है। इस सुरक्षा में कुल 55 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं, जिनमें 10 से अधिक एनएसजी कमांडो, सीआरपीएफ के जवान और स्थानीय पुलिस के अधिकारी शामिल होते हैं। लगभग 10-12 सशस्त्र कमांडो हमेशा उनके निकट सुरक्षा घेरा बनाए रखते हैं। फिर भी, पत्र में आरोप लगाया गया है कि राहुल गांधी अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीरता नहीं बरत रहे, जिससे एजेंसी परेशान है।
यह पहली बार नहीं: 2020 से 113 उल्लंघन
सीआरपीएफ ने यह भी उल्लेख किया है कि यह कोई नई समस्या नहीं है। 2020 से अब तक राहुल गांधी ने सुरक्षा दिशा-निर्देशों का कम से कम 113 बार उल्लंघन किया है। इनमें भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिल्ली चरण में भीड़ में घुस जाना और रैलियों के दौरान सुरक्षा घेरे से बाहर जाना शामिल है। एक घटना में राहुल गांधी करीब 30 मिनट तक भीड़ के बीच रुके रहे, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई। पिछले वर्षों में भी कांग्रेस ने राहुल गांधी की सुरक्षा में कथित चूक पर गृह मंत्रालय को पत्र लिखे थे, लेकिन सीआरपीएफ ने हमेशा प्रोटोकॉल उल्लंघन का दोष राहुल गांधी पर ही मढ़ा।
सीआरपीएफ की अपील: प्रोटोकॉल का पालन करें
पत्र में सीआरपीएफ ने मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी दोनों को अलग-अलग संबोधित करते हुए भविष्य में सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की अपील की है। एजेंसी का कहना है कि ऐसी चूकें न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालती हैं, बल्कि समग्र VVIP सुरक्षा व्यवस्था को प्रभावित करती हैं। सूत्रों के अनुसार, यह पत्र 10 सितंबर को लिखा गया था और पार्टी स्तर पर इस मुद्दे को गंभीरता से लेने के लिए भेजा गया।

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