धनबाद
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने 1 अगस्त 2025 को झारखंड के धनबाद में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (इंडियन स्कूल ऑफ माइंस) (आईआईटी-आईएसएम) के 45वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस ऐतिहासिक अवसर पर राष्ट्रपति ने 1,880 मेधावी छात्रों को डिग्रियां प्रदान कीं, जिनमें कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के बी.टेक टॉपर प्रियांशु शर्मा को प्रतिष्ठित प्रेसिडेंट्स गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। इस समारोह में 20 गोल्ड मेडलिस्ट और अन्य मेधावी छात्रों को भी पुरस्कृत किया गया। 1926 में ‘इंडियन स्कूल ऑफ माइंस एंड एप्लाइड जियोलॉजी’ के रूप में स्थापित, आईआईटी-आईएसएम ने भारत के खनन उद्योग के लिए कुशल पेशेवर तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
संस्थान का गौरव और शताब्दी वर्ष
आईआईटी-आईएसएम, जिसकी स्थापना 1926 में हुई थी, इस वर्ष अपने शताब्दी वर्ष की ओर अग्रसर है। 6 सितंबर 2016 को इसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान का दर्जा प्राप्त हुआ था। यह संस्थान न केवल खनन बल्कि कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल और सिविल इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में भी अपनी उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है। राष्ट्रपति मुर्मू इस दीक्षांत समारोह में भाग लेने वाली दूसरी राष्ट्रपति हैं; इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 2014 में 36वें दीक्षांत समारोह में शिरकत की थी।

राष्ट्रपति का संबोधन
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में आईआईटी-आईएसएम की राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। उन्होंने छात्रों को नवाचार और तकनीकी उत्कृष्टता के माध्यम से देश के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “आईआईटी-आईएसएम ने इंजीनियरिंग और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है। यह संस्थान न केवल तकनीकी शिक्षा का केंद्र है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक प्रगति का भी आधार है।”
मुख्य अतिथियों की उपस्थिति
समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और प्रधानमंत्री के मुख्य सलाहकार प्रो. पीके मिश्रा भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के लोअर ग्राउंड में एक भव्य पंडाल में किया गया, जिसमें 2,500 से 3,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था थी।
तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था
राष्ट्रपति के आगमन को लेकर धनबाद में व्यापक तैयारियां की गई थीं। जिला प्रशासन और संस्थान ने मिलकर सुरक्षा और प्रोटोकॉल का विशेष ध्यान रखा। बरवाअड्डा हवाई पट्टी से लेकर आईआईटी-आईएसएम तक 78 स्थानों पर गेट और बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई थी। धनबाद हवाई क्षेत्र को 31 जुलाई सुबह 10 बजे से 1 अगस्त शाम 6 बजे तक ‘नो-फ्लाइंग जोन’ घोषित किया गया था। डीसी आदित्य रंजन और एसएसपी प्रभात कुमार ने कार्यक्रम स्थल और रूट का बार-बार निरीक्षण कर सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित किया।
दो दिवसीय झारखंड दौरा
राष्ट्रपति मुर्मू 31 जुलाई को झारखंड के दो दिवसीय दौरे पर रांची पहुंची थीं। अपने दौरे के पहले दिन, उन्होंने देवघर में एम्स के पहले दीक्षांत समारोह में भाग लिया, जहां उन्होंने 48 एमबीबीएस छात्रों को डिग्रियां और मेडल प्रदान किए। 1 अगस्त को धनबाद में आईआईटी-आईएसएम के समारोह में शामिल होने के बाद, वे दोपहर 3:20 बजे दुर्गापुर के रास्ते दिल्ली के लिए रवाना हुईं।
छात्रों और संस्थान में उत्साह
आईआईटी-आईएसएम के डिप्टी डायरेक्टर प्रो. धीरज कुमार ने बताया कि राष्ट्रपति की उपस्थिति ने समारोह को ऐतिहासिक और यादगार बना दिया। छात्रों और फैकल्टी में इस अवसर को लेकर विशेष उत्साह था। समारोह में झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और जनजातीय जीवनशैली को दर्शाने वाले भित्तिचित्र भी प्रदर्शित किए गए, जो उपस्थित लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे।