पाकिस्तानी सेना का क्रूर हमला: JF-17 जेट से अपने ही गांव पर बरसाए बम, महिलाओं-बच्चों समेत 30 निर्दोषों की मौत

इस्लामाबाद/नई दिल्ली, 22 सितंबर 2025 
पाकिस्तान की सेना ने एक बार फिर अपनी ही जनता पर बर्बरता की हद पार कर दी है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के तिराह घाटी में स्थित मात्रे दारा गांव पर बीती रात JF-17 थंडर फाइटर जेट्स से की गई हवाई बमबारी में महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम 30 निर्दोष नागरिक मारे गए। यह हमला तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के कथित ठिकानों पर था, लेकिन स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह पूरी तरह से रिहायशी इलाका था, जहां कोई आतंकी गतिविधि का सबूत नहीं मिला।यह घटना पाकिस्तान की आंतरिक अस्थिरता को उजागर करती है, जहां सेना आतंकवाद के नाम पर अपने ही पश्तून नागरिकों को निशाना बना रही है। ऑपरेशन सिंदूर में भारत से मिली करारी हार के बाद पाकिस्तानी सेना की यह कार्रवाई साफ तौर पर हताशा का परिणाम लगती है। स्थानीय विधायक इकबाल अफरीदी ने इसे “इंसानियत के खिलाफ अपराध” बताते हुए कड़ी निंदा की है।

घटना की पूरी जानकारी: रात के अंधेरे में बरसाए बम

रिपोर्ट्स के अनुसार, हमला रविवार रात करीब 2 बजे शुरू हुआ। पाकिस्तानी वायुसेना (PAF) ने चीनी निर्मित JF-17 थंडर फाइटर जेट्स का इस्तेमाल करते हुए मात्रे दारा गांव पर कम से कम 8 LS-6 गाइडेड बम गिराए। यह गांव अफगानिस्तान सीमा के करीब तिराह घाटी में स्थित है, जो पश्तून बहुल क्षेत्र है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बमबारी इतनी तेज थी कि कई घर पूरी तरह ध्वस्त हो गए, पशुधन नष्ट हो गया और गांव की गलियां शवों और मलबे से पट गईं।

  • मृतकों की संख्या: कम से कम 30, जिसमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल। कई लोग अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका।
  • घायल: दर्जनों, जिनमें से कई की हालत गंभीर है।
  • क्षति: गांव के अधिकांश घर तबाह, बिजली-पानी की आपूर्ति बाधित।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में ध्वस्त घरों, रोते हुए परिजनों और बिखरे शवों की तस्वीरें साफ दिखाई दे रही हैं। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “हम सो रहे थे, अचानक आसमान से मौत बरस पड़ी। हमारे बच्चे चीख रहे थे, लेकिन सेना ने कोई फर्क नहीं पड़ा।”

पृष्ठभूमि: TTP के नाम पर नागरिकों का नरसंहार

पाकिस्तानी सेना का दावा है कि यह हमला TTP के आतंकी ठिकानों पर किया गया, जो पिछले तीन हफ्तों से चल रहे “ऑपरेशन” का हिस्सा है। लेकिन स्थानीय लोग और मानवाधिकार संगठन इसे “चुपचाप नरसंहार” बता रहे हैं। खैबर पख्तूनख्वा में TTP की गतिविधियां बढ़ रही हैं, लेकिन सेना की कार्रवाइयां अक्सर निर्दोषों को निशाना बनाती हैं।

  • पिछली घटनाएं: इस महीने ही डेरा इस्माइल खान में 7 TTP आतंकी मारे गए, लेकिन नागरिक हताहतों की संख्या हमेशा ज्यादा रहती है।
  • JF-17 का इस्तेमाल: यह चीनी-पाकिस्तानी संयुक्त उत्पाद है, जो PAF की मुख्य ताकत है। हाल ही में मई 2025 के भारत-पाक संघर्ष में भी इसका इस्तेमाल हुआ था।

पाकिस्तान सरकार और सेना की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जो इस घटना को और रहस्यमय बनाता है।

प्रतिक्रियाएं: स्थानीय और वैश्विक स्तर पर आक्रोश

  • स्थानीय विधायक इकबाल अफरीदी: फेसबुक पर लिखा, “मासूम बच्चों और महिलाओं की हत्या इंसानियत का कत्ल है। सेना को जवाबदेह बनाना होगा।”
  • मानवाधिकार संगठन: ह्यूमन राइट्स वॉच और अन्य ने जांच की मांग की, इसे “राज्य प्रायोजित आतंकवाद” कहा।
  • भारतीय प्रतिक्रिया: विदेश मंत्रालय ने कहा, “पाकिस्तान की आंतरिक हिंसा का दुखद चेहरा। भारत शांति चाहता है, लेकिन आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं।”
  • X (ट्विटर) पर ट्रेंड: #PashtunGenocide और #PakistanAirstrike टैग्स वायरल, जहां लोग सेना की बर्बरता की निंदा कर रहे हैं।

पाकिस्तान की अस्थिरता: एक बड़ा खतरा

यह घटना पाकिस्तान की दोहरी नीति को बेनकाब करती है – जहां जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों को संरक्षण मिलता है, वहीं अपने ही नागरिकों पर बम गिराए जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सेना प्रमुख आसिम मुनीर की “सनक” से देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक संरचना चरमरा रही है। भारत के लिए यह सीमा सुरक्षा का नया खतरा है, क्योंकि TTP और अन्य समूह अफगानिस्तान से सटे इलाकों में सक्रिय हैं।

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