झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 1 अगस्त 2025 से शुरू, पहले दिन शोक प्रस्ताव पेश

रांची
झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 1 अगस्त 2025 से शुरू हो गया है, जो 7 अगस्त 2025 तक चलेगा। इस सत्र में कुल पांच कार्य दिवस होंगे। सत्र के पहले दिन परंपरा के अनुसार शोक प्रस्ताव पेश किए गए, जिसमें हाल ही में दिवंगत हुए प्रमुख व्यक्तियों को श्रद्धांजलि दी गई। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने सदन की कार्यवाही शुरू होने पर शोक प्रस्ताव पढ़ा, और सभी सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद कार्यवाही को 4 अगस्त तक स्थगित कर दिया गया।

शोक प्रस्ताव में इन हस्तियों को दी गई श्रद्धांजलि

शोक प्रस्ताव में झारखंड के प्रमुख नेताओं, खिलाड़ियों और अन्य क्षेत्रों की हस्तियों के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। इसमें विशेष रूप से कोविड की दूसरी लहर में जान गंवाने वालों, झारखंड के पहले ऊर्जा मंत्री लालचंद महतो, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी, अर्थशास्त्री रमेश शरण, और अंतरराष्ट्रीय एथलीट बुधवा उरांव के योगदान को याद किया गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी अपने संबोधन में इन हस्तियों के प्रति संवेदना व्यक्त की और उनके परिजनों के प्रति सहानुभूति जताई।

सत्र का महत्व और आगामी कार्ययोजना
यह मानसून सत्र किसानों के मुद्दों और अतिवृष्टि से हुए नुकसान पर केंद्रित होगा। 4 अगस्त को वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा, जिस पर 5 अगस्त को चर्चा और मतदान होगा। इसके अलावा, झारखंड विश्वविद्यालय विधेयक 2025 और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ प्रस्ताव भी चर्चा के प्रमुख बिंदु होंगे। सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष के बीच ओबीसी आरक्षण, सरना धर्म कोड, और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर तीखी बहस की संभावना है।
(मानसून सत्र के पहले सीएम हेमंत सोरेन ने विधानसभा अध्यक्ष रबिन्द्रनाथ महतो को शुभकामनाएं दी)
सर्वदलीय बैठक में सहयोग का आह्वान

सत्र से पहले 31 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, और अन्य दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक में सत्र के सुचारू संचालन और जनहित के मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा के लिए सहयोग की अपील की गई।

विपक्ष की रणनीति

विपक्षी दल, विशेष रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), ने सत्र में भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था, और झारखंड विश्वविद्यालय विधेयक के प्रावधानों जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की योजना बनाई है। विपक्ष का कहना है कि सत्र की अवधि कम होने के कारण विधायकों को अपने क्षेत्र के मुद्दे उठाने का पर्याप्त समय नहीं मिलेगा।

आगामी दिनों में चर्चा के प्रमुख मुद्दे
  • अनुपूरक बजट: 4 अगस्त को पेश होने वाला बजट सरकार की विकास योजनाओं और कल्याणकारी कार्यक्रमों की प्राथमिकताओं को दर्शाएगा।
  • अतिवृष्टि पर चर्चा: 6 अगस्त को अतिवृष्टि से फसलों को हुए नुकसान और किसानों के हितों पर विशेष चर्चा होगी।
  • विधेयक और संकल्प: सत्र के दौरान कई राजकीय विधेयक और गैर-सरकारी संकल्पों पर भी चर्चा की जाएगी।

झारखंड विधानसभा का यह सत्र न केवल विधायी कार्यों के लिए बल्कि राज्य के विकास और जनहित के मुद्दों पर गंभीर विमर्श के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष दोनों ही अपनी रणनीतियों के साथ तैयार हैं, जिससे सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है।

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