झारखंड कैबिनेट ने पेसा नियमावली को दी मंजूरी: आदिवासी क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को मिलेंगे मजबूत अधिकार, 39 प्रस्तावों पर लगी मुहर

रांची, 23 दिसंबर 2025

 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को झारखंड मंत्रिपरिषद की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। यह वर्ष 2025 की अंतिम कैबिनेट बैठक थी, जिसमें कुल 39 प्रस्तावों पर चर्चा हुई और सभी को मंजूरी प्रदान की गई। सबसे अहम फैसला पंचायती राज विभाग द्वारा प्रस्तुत पेसा (पंचायत उपबंध अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) नियमावली को स्वीकृति देना रहा। इस मंजूरी से झारखंड के अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को विशेष अधिकार मिलेंगे, जिससे आदिवासी समाज की पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था मजबूत होगी।

पेसा अधिनियम 1996 का यह नियमावली वर्षों से लंबित था। झारखंड हाईकोर्ट की अवमानना याचिका और लगातार नाराजगी के बाद सरकार ने इसे प्राथमिकता दी। नए नियमों में ग्राम सभाओं को लघु खनिज, बालू घाटों के प्रबंधन, भूमि अधिग्रहण, शराब नीति और पारंपरिक विवाद निपटारे में प्रमुख भूमिका मिलेगी। महिलाओं के सशक्तीकरण और पारंपरिक प्रथाओं को संरक्षण पर विशेष जोर दिया गया है। इस फैसले से अनुसूचित क्षेत्रों में विकास योजनाओं पर ग्राम सभा की सहमति अनिवार्य होगी, जिससे आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा होगी।

बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, राजस्व और अन्य विभागों से जुड़े प्रस्ताव भी शामिल थे। सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2026 की सरकारी छुट्टियों की सूची, कुछ भर्ती नियमों में संशोधन और विकास परियोजनाओं को गति देने वाले फैसले भी लिए गए। कैबिनेट ने बालू घाटों की नीलामी और निकासी से जुड़ी अड़चनों को दूर करने की दिशा में भी कदम उठाए, क्योंकि पेसा नियमावली न होने से कई कार्य रुके हुए थे।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बैठक के बाद कहा कि यह फैसला आदिवासी समाज की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करता है। आदिवासी संगठनों ने इसकी सराहना की है, जबकि कुछ ने नियमावली के प्रावधानों पर और चर्चा की मांग की। हाईकोर्ट में लंबित अवमानना याचिका की अगली सुनवाई में सरकार इस मंजूरी की जानकारी देगी, जिससे मामले का समाधान होने की उम्मीद है। यह फैसला झारखंड की आदिवासी पहचान और स्वशासन को मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है। नियमावली अधिसूचित होने के बाद इसका क्रियान्वयन तत्काल शुरू होगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पारदर्शिता और स्थानीय भागीदारी बढ़ेगी।

 

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