रांची
झारखंड सरकार ने खनन गतिविधियों से प्रभावित लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए विस्थापन और पुनर्वास आयोग के गठन को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 67 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। यह निर्णय झारखंड के खनन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए नीतिगत समाधान और पुनर्वास की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। कैबिनेट ने दिवंगत शिबू सोरेन के मोरहाबादी आवास को उनकी धर्मपत्नी रूपी सोरेन के नाम पर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है।
झारखंड कैबिनेट की बैठक में 16वें वित्त आयोग की बैठकों के लिए खर्च की गयी राशि को स्वीकृति दी गयी है। झारखंड राज्य सड़क सुरक्षा नियमावली-2025 का अनुमोदन किया गया है। झारखंड में संगीत नाट्य अकादमी, साहित्य अकादमी एवं ललित कला अकादमी के गठन के प्रस्ताव को भी मंजूर कर लिया गया है। अब बहुत जल्द इसका गठन किया जायेगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में बड़े पैमाने पर खनन गतिविधियां होती हैं, क्योंकि राज्य में देश के 40 प्रतिशत खनिज भंडार मौजूद हैं। इसके बावजूद, विस्थापित लोगों के लिए कोई ठोस नीति नहीं थी। इस कमी को दूर करने के लिए सरकार ने विस्थापन और पुनर्वास आयोग के गठन का फैसला किया है। यह आयोग खनन क्षेत्रों का व्यापक डेटाबेस तैयार करेगा, जिसमें स्थानीय आबादी को होने वाले नुकसान, प्रभावित समुदायों को मिलने वाले लाभ और खनन के समग्र प्रभाव का आकलन किया जाएगा। इस डेटाबेस के आधार पर विस्थापितों की समस्याओं के समाधान के लिए नीति बनाई जाएगी।