गोड्डा में पूर्व भाजपा नेता सूर्या हांसदा पुलिस एनकाउंटर में ढेर, कई आपराधिक मामलों में था वांछित

गोड्डा, झारखंड

झारखंड के गोड्डा जिले के ललमटिया-बोआरीजोर सीमा क्षेत्र में सोमवार, 11 अगस्त 2025 को पुलिस के साथ मुठभेड़ में पूर्व भाजपा नेता और कुख्यात अपराधी सूर्या हांसदा उर्फ सूर्यनारायण हांसदा मारा गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सूर्या हांसदा कई आपराधिक मामलों में वांछित था और लंबे समय से फरार चल रहा था। एसपी ने इस एनकाउंटर की आधिकारिक पुष्टि कर दी है। सूर्या हांसदा की मौत के बाद उनके समर्थकों और स्थानीय लोगों में आक्रोश की संभावना जताई जा रही है। इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किये गये हैं। 2024 के चुनाव में वो बोरियो विधानसभा क्षेत्र से JLKM के टिकट पर चुनाव लड़े थे। हलांकि वे कई बार चुनाव में हाथ आजमा चुके, लेकिन उन्हें राजनीतिक सफलता नहीं मिली।

एनकाउंटर की पृष्ठभूमि

सूर्या हांसदा पर साहेबगंज और गोड्डा जिले के विभिन्न थानों में कई आपराधिक मामले दर्ज थे। इनमें अडानी पावर प्लांट में वाहनों में आगजनी, अवैध खनन, और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आरोप शामिल थे। इसके अलावा, वह 2010 में महागामा में सैमुल अंसारी की बम से हत्या के मामले में भी संदिग्ध था। हाल ही में रविवार को उनकी गिरफ्तारी की खबरें आई थीं, लेकिन सोमवार को ललमटिया क्षेत्र में पुलिस के साथ मुठभेड़ में उनकी मौत की सूचना ने क्षेत्र में हलचल मचा दी है।

राजनीतिक सफर और अपराध का रिकॉर्ड

सूर्या हांसदा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत झारखंड विकास मोर्चा (JVM) से की थी और 2009 व 2014 में बोरियो विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों बार वह दूसरे स्थान पर रहे। 2019 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर बोरियो से विधानसभा चुनाव लड़ा, जहां वे झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के लोबिन हेंब्रम से हार गए। 2024 में भाजपा से टिकट न मिलने पर उन्होंने पार्टी छोड़ दी और झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) से बोरियो सीट पर चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। सूर्या हांसदा का नाम कई आपराधिक गतिविधियों से जुड़ा रहा। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी 2022 में अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उन्हें समन भेजा था। उनकी गिरफ्तारी से पहले पुलिस को कई महीनों से उनकी तलाश थी, और गोड्डा व साहेबगंज पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर उन्हें पकड़ने की कोशिश की थी।

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