नई दिल्ली, 6 अक्टूबर 2025
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने आज बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान कर दिया। 243 सीटों वाले इस चुनाव को दो चरणों में संपन्न किया जाएगा। पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा। वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि यह चुनाव विशेष गहन संशोधन (SIR) के बाद हो रहा है, जिसमें 68.5 लाख नाम हटाए गए और 21.5 लाख नए वोटर जोड़े गए। वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है।
चुनाव कार्यक्रम का विस्तृत विवरण
चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए SIR अभियान चलाया गया, जो 22 वर्षों बाद हुआ। ड्राफ्ट सूची 1 अगस्त को जारी हुई थी और अंतिम सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की गई। सभी राजनीतिक दलों को आपत्तियां दर्ज करने का मौका दिया गया।
- पहला चरण (6 नवंबर 2025): 100 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में मतदान। इसमें उत्तर बिहार के जिले जैसे दरभंगा, सीतामढ़ी, मधुबनी आदि शामिल हो सकते हैं (विस्तृत सूची जल्द जारी)।
- दूसरा चरण (11 नवंबर 2025): शेष 143 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान। दक्षिण बिहार के जिले जैसे पटना, नालंदा, गया आदि कवर होंगे।
- नतीजे (14 नवंबर 2025): सभी 243 सीटों पर वोट गिनती।
- मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट: तारीखों के ऐलान के साथ ही मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू हो गया है।
चुनाव आयोग ने ईवीएम और वीवीपैट की जांच के साथ-साथ cVIGIL ऐप के माध्यम से शिकायत निवारण पर जोर दिया। कुल मतदाताओं की संख्या अब 7.6 करोड़ से अधिक है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं: NDA और महागठबंधन में कांटे की टक्कर
चुनाव तारीखों के ऐलान पर सत्तारूढ़ NDA (भाजपा-जदयू) ने स्वागत किया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “चुनाव आयोग ने निष्पक्ष तरीके से तारीखें घोषित की हैं। हम विकास के मुद्दों पर जनता के बीच जाएंगे।” भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने इसे “लोकतंत्र का उत्सव” बताया।
विपक्षी महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस) ने भी तैयारी तेज करने का ऐलान किया। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “यह चुनाव बेरोजगारी, महंगाई और पलायन के खिलाफ जनता का फैसला होगा। हम SIR में हुई कथित अनियमितताओं पर नजर रखेंगे।” कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने युवाओं को वोट देने का आह्वान किया।
विकासशील इंसान पार्टी (VIP) और अन्य छोटे दलों ने भी अपनी रणनीति तैयार करने की बात कही। विशेषज्ञों का मानना है कि यह चुनाव 2026 के लोकसभा चुनावों की पूर्वपीठिका साबित होगा।
SIR विवाद और मतदाता सूची
जून 2025 में चुनाव आयोग ने SIR की अधिसूचना जारी की, जिसमें सभी वोटरों को फॉर्म भरने को कहा गया। विपक्ष ने इसे “वोटर हटाओ अभियान” करार दिया, खासकर प्रवासी मजदूरों के लिए। तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उनका नाम हटाया गया, लेकिन ECI ने इसे खारिज करते हुए फर्जी EPIC नंबर का जिक्र किया। आयोग ने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया संवैधानिक है और सभी दलों को मौका दिया गया।बिहार में लगभग 75 लाख प्रवासी हैं, जिनके लिए विशेष व्यवस्था की गई है। अंतिम सूची में 21.5 लाख नए नाम जोड़े गए, जबकि 68.5 लाख हटाए गए।बिहार चुनाव का महत्वयह चुनाव बिहार की राजनीति को नया आकार दे सकता है। 2020 में NDA ने 125 सीटें जीतीं, जबकि महागठबंधन को 110 मिलीं। जातिगत समीकरण, विकास और केंद्र-राज्य संबंध मुद्दे प्रमुख रहेंगे। चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण मतदान के लिए 1 लाख से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती का ऐलान किया।
AAP ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की
बिहार विधानसभा चुनावों के ऐलान से ठीक पहले आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी कर राजनीतिक हलचल मचा दी है। पार्टी ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुल 11 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित किए, जबकि दावा किया कि वह सभी 243 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। दिल्ली और पंजाब मॉडल की तर्ज पर बिहार में विकास और सुशासन का वादा करते हुए AAP के बिहार प्रभारी अजयेश यादव ने कहा, “हमारा मॉडल देशभर में चर्चा का विषय है। बिहार की जनता बदलाव चाहती है।”