पश्चिम बंगाल में ED की बड़ी कार्रवाई: मनी लॉन्ड्रिंग के दो मामलों में मंत्री सुजीत बोस के कार्यालय सहित 10 स्थानों पर छापेमारी

कोलकाता, 10 अक्टूबर 2025

 

पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार के आरोपों ने एक नया मोड़ ले लिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार सुबह दो अलग-अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामलों से जुड़े दोषियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की। एजेंसी ने अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं मंत्री सुजीत बोस के सॉल्टलेक स्थित कार्यालय सहित कोलकाता और उसके आसपास के 10 स्थानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी राज्य में बहु-करोड़ रुपये के नगरीय निकायों (म्यूनिसिपैलिटी) में नौकरी के लिए रिश्वत के मामले और बैंक लोन फॉर्जरी से जुड़ी है। ED की टीमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की सुरक्षा में मौजूद हैं, और छापेमारी सुबह से जारी है।

ED के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में की जा रही है, जहां स्कूल शिक्षकों के साथ-साथ म्यूनिसिपैलिटी में विभिन्न पदों पर भर्ती घोटाले की जांच का आदेश दिया गया था। सुजीत बोस का कार्यालय पहले भी इस मामले में ED के निशाने पर रहा है।

 

छापेमारी के प्रमुख स्थानED ने कुल 10 स्थानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया, जिनमें शामिल हैं:

  • सुजीत बोस का कार्यालय: सॉल्टलेक, कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में स्थित अग्निशमन विभाग का मुख्यालय।
  • न्यू एलिपोर: दक्षिण कोलकाता में कलकत्ता हाईकोर्ट के एक वरिष्ठ वकील के आवास पर छापा।
  • सरत बोस रोड: दक्षिण कोलकाता में संदिग्ध संपत्तियों की जांच।
  • नेगरबाजार: कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में अन्य स्थानों पर सर्च।
  • अन्य स्थान: साउथ दम दम म्यूनिसिपैलिटी के पूर्व अधिकारियों के कार्यालय और आवास, जहां भर्ती अनियमितताओं के दस्तावेज जब्त किए जा रहे हैं।

प्रत्येक टीम के साथ CAPF के जवान तैनात हैं, और छापेमारी के दौरान दस्तावेजों, डिजिटल रिकॉर्ड्स और वित्तीय लेन-देन के सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं।

 

मामलों का विवरण

यह कार्रवाई दो अलग-अलग मामलों से जुड़ी है:

  1. म्यूनिसिपैलिटी जॉब स्कैम: राज्य के विभिन्न नगरीय निकायों में नौकरियों के लिए रिश्वत लेने का बहु-करोड़ का घोटाला। ED का आरोप है कि सैकड़ों पदों पर अवैध भर्तियां की गईं, जिसमें ओएमआर शीट्स और अन्य दस्तावेजों में हेराफेरी हुई। सुजीत बोस का नाम साउथ दम दम म्यूनिसिपैलिटी से जुड़ा है, जहां उनके रिश्तेदारों या सहयोगियों पर भर्ती प्रक्रिया में हस्तक्षेप का संदेह है। ED ने उनके कार्यालय से महत्वपूर्ण दस्तावेज, जिसमें ओएमआर शीट्स शामिल हैं, जब्त किए हैं।
  2. बैंक लोन फॉर्जरी: बैंक लोन के नाम पर जाली दस्तावेज तैयार करने का मामला, जिसमें मंत्रियों और अधिकारियों के करीबी शामिल हैं। इस मामले में एक रेस्तरां की जांच भी हो रही है, जो कथित तौर पर सुजीत बोस से जुड़ा है, जहां संदिग्ध बैंक लेन-देन की पड़ताल की जा रही है।

ED ने बताया कि यह छापेमारी नई सूचनाओं के आधार पर की गई है, और इससे पहले इस साल सुजीत बोस से 12 घंटे से अधिक पूछताछ की गई थी।

छापेमारी के दौरान कोई गिरफ्तारी नहीं हुई, लेकिन कई लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया। स्थानीय स्तर पर तनाव बढ़ गया है, और TMC कार्यकर्ताओं ने ED की कार्रवाई को “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया। पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “केंद्रीय एजेंसियां राज्य सरकार को कमजोर करने की साजिश रच रही हैं। हम कानूनी तरीके से इसका मुकाबला करेंगे।” सुजीत बोस ने खुद कहा, “मैं जांच में सहयोग करूंगा, लेकिन यह सब TMC के खिलाफ साजिश है।”

विपक्षी दल भाजपा ने इसे स्वागतयोग्य बताया। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, “ममता सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। ED की कार्रवाई सच्चाई उजागर करेगी।”

 

पश्चिम बंगाल में ED की कार्रवाइयां

पश्चिम बंगाल में ED की यह कार्रवाई हाल के भर्ती घोटालों की कड़ी है। जनवरी 2024 में ED ने सुजीत बोस के आवास पर छापा मारा था, जहां TMC विधायक तपस रॉय और पूर्व म्यूनिसिपैलिटी चेयरमैन सुभोध चक्रवर्ती के ठिकानों पर भी सर्च हुआ था। स्कूल जॉब स्कैम से जुड़े इस मामले में अब तक कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट ने ED को म्यूनिसिपैलिटी भर्ती की जांच का आदेश दिया था, जिसमें अवैध भर्तियों का दायरा स्कूलों से आगे बढ़कर नगरीय निकायों तक फैला है।ED का कहना है कि यह जांच PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत चल रही है, और इससे अरबों रुपये के काले धन का पता लग सकता है।

 

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