रांची, 19 सितंबर 2025
टाना भगत इंडोर स्टेडियम, खेलगांव परिसर में आज से शुरू हुए “East Tech Symposium-2025” (डिफेंस एक्सपो) ने रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी नवाचारों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का संकल्प लिया है। भारतीय सेना के पूर्वी कमांड और इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स सोसाइटी (SIDM) के सहयोग से आयोजित यह चौथा संस्करण 19 से 21 सितंबर तक चलेगा। यह झारखंड का पहला डिफेंस एक्सपो है, जो राज्य को रक्षा उत्पादन का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है, जबकि डिफेंस स्टाफ कमिटी के चीफ जनरल अनिल चौहान कल रांची पहुंचे। उद्घाटन समारोह में झारखंड के राज्यपाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे। पूर्वी कमांड के अधिकारियों के अनुसार, यह एक्सपो ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को मजबूत करने का मंच बनेगा, जहां स्टार्टअप्स, एमएसएमई और प्रमुख रक्षा कंपनियां अपनी नवीनतम तकनीकों का प्रदर्शन करेंगी।
झारखंड में उद्योग विस्तार की असीम संभावनाएं
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड संभावनाओं का प्रदेश है। यहां रक्षा सेक्टर में उपयोग होने वाले रॉ-मैटेरियल प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यहां पर्याप्त मात्रा में यूरेनियम की भी उपलब्धता है। उन्होंने कहा कि झारखंड में कई बड़े-बड़े उद्योग संस्थान स्थापित हुए है। उद्योग के विस्तार में भी इस राज्य का देश में अलग पहचान रहा है। कई छोटे-बड़े उद्योग यहां पले-बढ़े हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार गलत नीति निर्धारण के कारण कुछ चीजें समाप्त होती नजर आती है। हम सभी लोग ये जानते हैं कि एचईसी जैसी उद्योग संस्थान रांची में स्थापित है। इस संस्थान के सहयोग से देश के भीतर कई अन्य औद्योगिक संस्थाएं आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि एचईसी सैटेलाइट तथा परमाणु कॉम्पोनेंट्स बनाने में भी अहम भूमिका निभाता रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एचईसी की स्थिति आज बहुत अच्छी नहीं है, यह जानकर काफी तकलीफ होती है आखिर किस वजह से इतना बड़ा उद्योग संस्थान आज उम्मीद के अनुरूप खरा नहीं उतर पा रहा है।

स्वदेशी रक्षा तकनीकों पर फोकस
एक्सपो में ड्रोन सिस्टम, सिस्टम इंटीग्रेशन, टैक्टिकल टेक्नोलॉजी और हाई-रिलायबिलिटी कंपोनेंट्स जैसे क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों की देसी नवाचारों को प्रदर्शित किया जाएगा। सेना के नेताओं द्वारा इनका मूल्यांकन किया जाएगा, जो विशेष वित्तीय शक्तियों के तहत भविष्य की खरीद पर मार्गदर्शन देगा। आरआरपी डिफेंस लिमिटेड जैसी कंपनियां अपनी अत्याधुनिक रक्षा समाधानों को पेश कर रही हैं, जो महत्वपूर्ण मिशनों में ऑपरेशनल दक्षता बढ़ाने के लिए डिजाइन की गई हैं।
एक सेना अधिकारी ने बताया, “झारखंड में रक्षा उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। East Tech-2025 के माध्यम से हम राज्य को डिफेंस हब के रूप में विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। स्टार्टअप्स और नवाचारों को बढ़ावा देकर हम आत्मनिर्भरता को साकार करेंगे।” एक्सपो में 50 से अधिक प्रदर्शक भाग लेंगे, जिसमें डिफेंस स्टार्टअप्स की विशेष भूमिका होगी।
झारखंड बन सकता है मैन्युफैक्चरिंग हब
यह आयोजन झारखंड को रक्षा मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करने का प्रयास है। राज्य सरकार ने पहले ही रक्षा क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए नीतियां लागू की हैं। एक्सपो के दौरान सेमिनार, पैनल डिस्कशन और बी2बी मीटिंग्स आयोजित की जाएंगी, जो उद्योगों और सेना के बीच सहयोग बढ़ाएंगी। स्थानीय व्यवसायियों और युवाओं के लिए यह रोजगार सृजन का सुनहरा मौका है।
रांची के खेलगांव परिसर में पहुंचे विजिटर्स ने एक्सपो को सराहा। एक स्थानीय उद्यमी ने कहा, “यह झारखंड के लिए गर्व का विषय है। स्वदेशी तकनीकों को देखकर आत्मविश्वास बढ़ा है।” वहीं, युवा इंजीनियरों ने स्टार्टअप जोन में रुचि दिखाई, जहां ड्रोन और साइबर सिक्योरिटी पर फोकस है।East Tech Symposium-2025 न केवल रक्षा क्षेत्र को मजबूत करेगा, बल्कि पूर्वी भारत के आर्थिक विकास को नई गति देगा। आने वाले दिनों में और अधिक निवेश की उम्मीद है, जो ‘मेक इन इंडिया’ को सशक्त बनाएगा।