धनबाद, झारखँड
झारखंड के धनबाद जिले के कतरास क्षेत्र में दो बड़े हादसों ने स्थानीय लोगों में दहशत फैला दी है। पहला हादसा भू-धंसान का है, जिसमें दर्जनों घर पूरी तरह जमींदोज हो गए, वहीं दूसरा हादसा एक सर्विस वैन के गहरी खाई में गिरने का है। सर्विस वैन में 4-5 लोग सवार बताये जा रहे थे। फिलहाल इसकी पुष्टी नहीं हो पायी है। दोनों घटनाओं के बाद प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
भू-धंसान से मची तबाही
कतरास के जोगता थाना क्षेत्र में लगातार बारिश और खनन गतिविधियों के कारण हुए भू-धंसान ने इलाके में भारी तबाही मचाई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस हादसे में तीन से चार दर्जन घर प्रभावित हुए हैं, जिनमें से कई घर पूरी तरह ध्वस्त हो गए। स्थानीय निवासी कल्याणी देवी ने बताया, “तेज धमाके के साथ हमारा घर अचानक धंस गया। हमने किसी तरह अपनी जान बचाई, लेकिन सारा सामान मलबे में दब गया। अब हमारे पास न खाने को कुछ है, न पहनने को।” प्रभावित परिवार सड़क किनारे खुले आसमान के नीचे जीवन बिता रहे हैं और प्रशासन से तत्काल मुआवजे व पुनर्वास की मांग कर रहे हैं।लगातार बारिश ने स्थिति को और जटिल बना दिया है, जिससे जमीन और धंस रही है। स्थानीय लोगों ने भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) और जिला प्रशासन से सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरण की मांग की है। उनका कहना है कि बीसीसीएल के सीएसआर फंड का उपयोग कर तत्काल राहत प्रदान की जाए, ताकि बड़ा हादसा टाला जा सके।
सर्विस वैन खाई में गिरी
इसी क्षेत्र में एक अन्य हादसे में एक सर्विस वैन के गहरी खाई में गिरने की खबर है। यह वैन कतरास कोयलांचल में मजदूरों को अवैध खनन स्थलों तक ले जा रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वैन में 60 से 70 मजदूर सवार थे, और सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करते हुए इसे ओवरलोड किया गया था। हादसे के कारणों की जांच जारी है, लेकिन प्रारंभिक जानकारी के अनुसार खराब सड़क और बारिश के कारण वैन अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी।
रेस्क्यू ऑपरेशन तुरंत शुरू कर दिया गया है। जिला प्रशासन, पुलिस, और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुटी हैं। अभी तक कई मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, लेकिन कुछ के मलबे में फंसे होने की आशंका है। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।प्रशासन का रवैया और मांगेंस्थानीय लोगों ने बीसीसीएल और जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि खनन गतिविधियों के कारण पहले भी भू-धंसान की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उपायुक्त आदित्य रंजन ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत कार्यों को तेज करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा, “हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।”
रेस्क्यू ऑपरेशन तुरंत शुरू कर दिया गया है। जिला प्रशासन, पुलिस, और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुटी हैं। अभी तक कई मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, लेकिन कुछ के मलबे में फंसे होने की आशंका है। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।प्रशासन का रवैया और मांगेंस्थानीय लोगों ने बीसीसीएल और जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि खनन गतिविधियों के कारण पहले भी भू-धंसान की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उपायुक्त आदित्य रंजन ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत कार्यों को तेज करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा, “हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।”