IRCTC घोटाला: दिल्ली कोर्ट ने लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय किए, कहा- लालू की जानकारी में रची गई साजिश

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर 2025
दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को IRCTC होटल घोटाले के मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के आरोप तय कर दिए। विशेष न्यायाधीश विशाल गोग्ने ने फैसले में कहा कि लालू प्रसाद यादव की पूर्ण जानकारी और हस्तक्षेप से टेंडर प्रक्रिया में धांधली की गई, जिसके बदले में उनके परिवार को जमीन के रूप में रिश्वत मिली।
यह मामला 2004-2009 के दौरान लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते IRCTC के दो होटलों – बीएनआर रांची और बीएनआर पुरी – के रखरखाव अनुबंधों से जुड़ा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अनुसार, इन अनुबंधों को सुजाता होटल्स नामक निजी कंपनी को गलत तरीके से दिए गए, जो विजय और विनय कोचर के स्वामित्व वाली है। बदले में, कोचर ब्रदर्स ने लालू के परिवार से जुड़ी कंपनी को रांची में करोड़ों रुपये कीमत की जमीन अंडरवैल्यू (कम कीमत पर) हस्तांतरित की।
कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) की धारा 13(2) और 13(1)(e) के तहत आरोप तय किए, जिसमें आपराधिक साजिश (आईपीसी धारा 120-बी) और धोखाधड़ी (आईपीसी धारा 420) शामिल हैं। राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ भी साजिश और धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए। अन्य आरोपी, जैसे पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेम चंद गुप्ता और कोचर ब्रदर्स, पर भी समान धाराओं के तहत मुकदमा चलेगा। कुल 14 आरोपी इस मामले में नामजद हैं।
फैसले के बाद लालू प्रसाद यादव ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “यह राजनीतिक साजिश है। हम निर्दोष हैं और अदालत में अपना पक्ष रखेंगे।” तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर इसे “बीजेपी की बदले की राजनीति” करार दिया। आरजेडी ने भी पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यह बिहार चुनाव से पहले विपक्ष को कमजोर करने की कोशिश है।
सीबीआई ने 2017 में यह केस दर्ज किया था, जब रेलवे बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन ने शिकायत की थी। जांच में पता चला कि टेंडर प्रक्रिया में लालू की “दखलअंदाजी” से सुजाता होटल्स को अनुबंध मिले, जबकि कंपनी के पास जरूरी अनुभव नहीं था। मार्च 2025 में सीबीआई ने आरोप तय करने पर बहस पूरी की थी, और 24 सितंबर को कोर्ट ने सभी 14 आरोपियों को 13 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने का आदेश दिया था।
यह फैसला बिहार विधानसभा चुनावों से ठीक पहले आया है, जो 2025 के अंत में होने हैं। लालू परिवार पर पहले भी चारा घोटाले जैसे कई मामलों में आरोप लग चुके हैं, लेकिन IRCTC केस में यह पहली बार है जब परिवार के तीनों सदस्यों पर एक साथ आरोप तय हुए हैं। अगली सुनवाई पर अदालत ट्रायल की तारीख तय करेगी।

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