झारखंड विधानसभा मानसून सत्र: सत्ता पक्ष के ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ नारों के बीच गतिरोध बरकरार

रांची,
झारखंड विधानसभा के पूरक मानसून सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को सदन में भारी हंगामा देखने को मिला। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक और नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे फिर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सत्ता पक्ष के विधायकों ने ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ के नारे लगाए, जबकि विपक्ष ने भी जवाबी हंगामे के साथ अपनी मौजूदगी दर्ज की। सदन की कार्यवाही सुबह 11:10 बजे शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने विशेष गहन संशोधन (SIR) का विरोध करते हुए अपनी बात रखी, जिसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक वेल में पहुंच गए। भाजपा विधायकों के हाथों से मार्शल ने पोस्टर छीन लिए, जिससे माहौल और गरमा गया। नारेबाजी और हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने पहले कार्यवाही को 12 बजे तक और बाद में दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया।सूत्रों के मुताबिक, सत्ता पक्ष के विधायकों ने विशेष गहन संशोधन (SIR) के खिलाफ सीढ़ियों पर भी प्रदर्शन किया। इस दौरान ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ के नारे गूंजे, जो सत्र के दौरान सत्ता पक्ष की मुख्य मांग के रूप में उभरे। विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर अपनी आपत्तियां दर्ज कीं, जिससे सदन में तनावपूर्ण माहौल बना रहा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी इस घटना को लेकर चर्चा गरम रही। एक यूजर ने लिखा, “विधानसभा में सत्ता पक्ष की एक मंत्री ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ के नारे लगा रही हैं। यह झारखंड की राजनीति का नया चेहरा है।”
यह पूरक मानसून सत्र 22 अगस्त से शुरू हुआ और 28 अगस्त तक चलेगा। सत्र के पहले दिन वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 4,296 करोड़ 62 लाख रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया गया था। इसके अलावा, झारखंड आंदोलन के प्रणेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग भी सदन में उठी थी। हालांकि, मंगलवार को हंगामे के कारण विधायी कार्यों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा सका। विगत दो दिनों से प्रश्नकाल बाधित है। 

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