नई दिल्ली,
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में घोषित किया है। यह घोषणा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को होने वाला है, और नामांकन की अंतिम तिथि 21 अगस्त है।
सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर
चंद्रपुरम पोनुसामी राधाकृष्णन, जिन्हें सीपी राधाकृष्णन के नाम से जाना जाता है, का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ था। उन्होंने 16 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की और बाद में जनता पार्टी और बीजेपी के साथ सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया। राधाकृष्णन ने 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सांसद के रूप में दो बार जीत हासिल की। इस दौरान उन्होंने संसद की वस्त्र समिति के अध्यक्ष और सार्वजनिक उपक्रमों 및 वित्त समितियों के सदस्य के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।2004 से 2007 तक वे तमिलनाडु बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे और इस दौरान उन्होंने 93 दिनों तक 19,000 किलोमीटर की रथ यात्रा का नेतृत्व किया, जिसमें नदियों को जोड़ने, छुआछूत के खिलाफ लड़ाई, आतंकवाद का मुकाबला और समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दों को उठाया गया। 2016 से 2020 तक उन्होंने ऑल इंडिया कोयर बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया, जिसके दौरान निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई।राधाकृष्णन ने 2023 में झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य शुरू किया और 2024 में उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने तेलंगाना के राज्यपाल और पुदुचेरी के उपराज्यपाल के रूप में भी अतिरिक्त जिम्मेदारियां संभालीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राधाकृष्णन को एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने पर बधाई दी। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “सीपी राधाकृष्णन ने अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में समर्पण, विनम्रता और बुद्धिमत्ता के साथ खुद को विशिष्ट बनाया है। तमिलनाडु में उन्होंने जमीनी स्तर पर व्यापक कार्य किया है। मुझे खुशी है कि एनडीए ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए चुना।”
चुनाव की तैयारियां और विपक्ष से बातचीत
जेपी नड्डा ने कहा कि एनडीए ने विपक्षी दलों से भी संपर्क किया है ताकि उपराष्ट्रपति पद के लिए सर्वसम्मति से चुनाव सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि अगला उपराष्ट्रपति सर्वसम्मति से चुना जाए। हमारे वरिष्ठ नेताओं ने पहले भी विपक्ष से बात की है और अब भी संपर्क में रहेंगे।” उपराष्ट्रपति का पद 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद खाली हुआ था, जिन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर अपने पद से त्यागपत्र दिया था। एनडीए की लोकसभा और राज्यसभा में मजबूत संख्या के साथ, राधाकृष्णन की जीत को लगभग तय माना जा रहा है। विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक 18 अगस्त को बैठक कर अपने उम्मीदवार पर फैसला ले सकता है।
तमिलनाडु से तीसरे उपराष्ट्रपति बनने की संभावना
यदि सीपी राधाकृष्णन चुनाव जीतते हैं, तो वे तमिलनाडु से तीसरे उपराष्ट्रपति बनेंगे और दक्षिण भारत से पहले ओबीसी समुदाय से इस पद पर पहुंचने वाले व्यक्ति होंगे। उनकी उम्मीदवारी को तमिलनाडु में बीजेपी की स्थिति को मजबूत करने और राष्ट्रीय स्तर पर दक्षिण भारतीय चेहरे को बढ़ावा देने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।