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दुनिया के कई देश एक दूसरे के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं, जिसमें रूस-यूक्रेन और इजराइल – ईरान के बीच की खबरें मीडिया में सुर्खियां बटोर चुकी है। फिलहाल एशिया के दो देश थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद ने हिंसक रूप ले लिया है। थाईलैंड ने गुरुवार को F-16 लड़ाकू विमान से कंबोडिया के सैन्य ठिकानों पर हमले किए हैं। इस हमले में कई कंबोडियाई नागरिकों की जान चली गई है। वहीं थाईलैंड पर भी कंबोडिया ने मिसाइल हमले किए है। इस हमले में कम से कम 14 लोगों की जान चली गई है। थाईलैंड ने अपनी सीमा को कंबोडिया से पूरी तरह बंद कर दिया है।
छह F-16 फाइटर जेट मैदान में उतरे
थाईलैंड की सेना ने साफ किया है कि सीमा पर छह F-16 विमानों को तैनात किया गया है। इनमें से एक ने कंबोडिया में सैन्य ठिकाने को तबाह कर दिया। थाई सेना के उप-प्रवक्ता रिचा सुकसुवनन ने कहा, “हमने हवाई ताकत का इस्तेमाल तयशुदा सैन्य निशानों पर किया।”
इस तनाव की शुरुआत गुरुवार सुबह हुई, जब दोनों देशों की सेनाओं ने एक-दूसरे पर गोलीबारी शुरू कर दी। थाईलैंड का कहना है कि कंबोडियाई सैनिकों ने उनकी सैन्य चौकी और आम नागरिकों के इलाकों, यहां तक कि एक अस्पताल पर भी तोपों से हमला किए। इससे कई नागरिकों की मौत और कई जश्मी हुए हैं। थाईलैंड ने साफ चेतावनी दी है कि अगर कंबोडिया ने हमले जारी रखे तो वे “आत्मरक्षा में और सख्त कदम” उठाएंगे।
ये है दुश्मनी की वजह
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच 817 किलोमीटर लंबी सीमा पर कई जगहों पर सौ साल से अधिक समय से विवाद चल रहा है। 2011 में भी एक हफ्ते तक चली गोलीबारी में दर्जनों लोग मारे गए थे। इस बार तनाव मई में शुरू हुआ, जब एक कंबोडियाई सैनिक की हत्या के बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्ते बिगड़ गए। बुधवार को थाईलैंड ने अपने राजदूत को वापस बुला लिया और कंबोडिया के राजदूत को निकालने का ऐलान किया।
बैंकॉक से 360 किलोमीटर दूर ता मोआन थोम मंदिर के पास गुरुवार को गोलीबारी शुरू हुई। थाईलैंड का कहना है कि कंबोडिया ने ड्रोन और भारी हथियारों के साथ हमला किया, जिसमें दो थाई सैनिक घायल हो गए। कंबोडिया ने थाई सैनिकों पर बिना वजह घुसपैठ का आरोप लगाया और कहा कि उनकी सेना ने आत्मरक्षा में जवाब दिया।