बिलासपुर, 7 अक्टूबर 2025
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के झंडूता विधानसभा क्षेत्र में मंगलवार शाम एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया। भल्लू पुल के पास भारी भूस्खलन के दौरान पहाड़ी से गिरे मलबे और बड़े-बड़े पत्थरों ने एक निजी बस को अपनी चपेट में ले लिया। बस पूरी तरह मलबे में दब गई, जिसमें सवार 25-30 यात्रियों में से 16 की मौके पर ही मौत हो गई। कई अन्य यात्रियों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है, जबकि 3-4 लोगों को जीवित बचाया गया है। बचाव कार्य रात भर जारी रहा, लेकिन भारी मलबे के कारण यह चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
घटना बरठीं-भल्लू मार्ग पर शाम करीब 6:25 बजे हुई। संतोषी नामक निजी बस मंडी जिले के मरोतन से घुमारवीं की ओर जा रही थी। अचानक पहाड़ी दरकने से भारी मात्रा में मलबा और पत्थर बस की छत पर गिर पड़े, जिससे वाहन 8-10 फीट गहराई में दब गया। बस का केवल ऊपरी हिस्सा ही दिखाई दे रहा है। स्थानीय लोगों ने शोर सुनकर तुरंत प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद बचाव दल घटनास्थल पर पहुंचा।
मलबे में दबी बस, 30 यात्री सवार: डीसी ने की पुष्टि
बिलासपुर के उपायुक्त राहुल कुमार ने बताया कि बस में करीब 30 यात्री सवार थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। “अभी तक 16 शव निकाले जा चुके हैं। तीन लोगों को जीवित बचाया गया है, जिन्हें नजदीकी घुमारवीं-झंडूता अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बाकी यात्रियों का पता लगाने के लिए प्रयास जारी हैं।” डीसी ने कहा कि मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं, और प्रशासन सतर्क मोड में है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने जिला प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिए हैं। सीएम कार्यालय से जारी बयान में कहा गया, “यह एक दुखद घटना है। राज्य सरकार प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर हैं।”
बचाव कार्य में एनडीआरएफ-SDRF की टीमें, JCB से मलबा हटाने का प्रयास
घटना की सूचना मिलते ही राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की दो टीमें, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), स्थानीय पुलिस और वॉलंटियर्स घटनास्थल पर पहुंचे। भारी मशीनरी जैसे जेसीबी और अन्य उपकरणों से मलबा हटाने का काम चल रहा है। हालांकि, रात का अंधेरा और लगातार बारिश ने कार्य को और जटिल बना दिया है। स्थानीय लोगों ने भी हाथ बंटाया, लेकिन भारी पत्थरों के कारण प्रगति धीमी है।
इलाके में भारी भीड़ जुटी हुई है, और घायलों को एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। प्रशासन ने आसपास के इलाकों में सतर्कता बरतने की अपील की है।बारिश का कहर: हिमाचल में लगातार हो रही आपदाएंहिमाचल प्रदेश में मानसून के बाद भी मूसलाधार बारिश का दौर जारी है, जिससे भूस्खलन और बाढ़ जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। इस साल राज्य में ऐसी कई घटनाएं रिपोर्ट हो चुकी हैं, जिनमें सैकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और पहाड़ी क्षेत्रों में अनियोजित निर्माण इसकी प्रमुख वजहें हैं। प्रभावित परिवारों के लिए राज्य सरकार ने 5 लाख रुपये की अनुदान राशि की घोषणा की है, जबकि घायलों के इलाज का पूरा खर्च वहन किया जाएगा।