भारतीय हवाई क्षेत्र में पाकिस्तानी विमानों पर प्रतिबंध जारी, सरकार ने बढ़ाई समयसीमा

नई दिल्ली, 23 सितंबर 2025
भारत सरकार ने पाकिस्तानी विमानों के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को एक बार फिर बढ़ा दिया है। यह प्रतिबंध अब 23 अक्टूबर 2025 तक प्रभावी रहेगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सोमवार को एक नया NOTAM (नोटिस टू एयरमेन) जारी कर इसकी घोषणा की। यह कदम भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर उठाया गया है।
प्रतिबंध का दायरा और प्रभाव
यह प्रतिबंध न केवल पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) जैसे नागरिक विमानों पर लागू होगा, बल्कि पाकिस्तान में पंजीकृत सभी विमानों, पाकिस्तानी ऑपरेटरों द्वारा संचालित या लीज पर लिए गए विमानों, और सैन्य उड़ानों पर भी प्रभावी रहेगा। अन्य अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर इस प्रतिबंध का कोई असर नहीं पड़ेगा। पिछली समयसीमा 23 सितंबर 2025 को समाप्त हो रही थी, जिसे अब सुबह 5:29 बजे (IST) तक 23 अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दिया गया है। इस बीच, पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को 24 अक्टूबर 2025 तक बंद रखने का फैसला किया है।
पृष्ठभूमि: तनाव और ऑपरेशन सिंदूर
यह प्रतिबंध जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ था। भारत ने इस हमले का जवाब देते हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया, जिसके परिणामस्वरूप भारत ने कई कड़े कदम उठाए:

  • सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया।
  • पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सुविधा रद्द।
  • दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध समाप्त।
  • भारतीय हवाई क्षेत्र में पाकिस्तानी विमानों के लिए प्रतिबंध 30 अप्रैल 2025 से लागू किया गया।

तब से यह प्रतिबंध हर महीने बढ़ाया जा रहा है, और यह छठा महीना है जब यह रोक जारी है।

आर्थिक और परिचालन प्रभाव
इस प्रतिबंध से पाकिस्तानी एयरलाइंस, खासकर PIA, को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। भारतीय हवाई क्षेत्र का उपयोग न कर पाने के कारण पाकिस्तानी विमानों को लंबे वैकल्पिक रूट्स अपनाने पड़ रहे हैं, जिससे ईंधन लागत और उड़ान समय में वृद्धि हो रही है। दूसरी ओर, भारतीय एयरलाइंस भी पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र के बंद होने से प्रभावित हो रही हैं। खासकर यूरोप, मध्य पूर्व और उत्तरी अमेरिका की उड़ानों के लिए वैकल्पिक मार्गों के उपयोग से भारतीय एयरलाइंस की परिचालन लागत बढ़ गई है।
सरकार का रुख
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। क्षेत्र में मौजूदा सुरक्षा स्थिति को देखते हुए यह प्रतिबंध आवश्यक है। स्थिति की समीक्षा के बाद ही भविष्य में कोई बदलाव पर विचार किया जाएगा।”

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