पटना, 17 अक्टूबर 2025,
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (6 और 11 नवंबर को दो चरणों में) में बाहुबली नेताओं का प्रभाव अभी भी दिख रहा है, हालांकि सुप्रीम कोर्ट के सख्त दिशानिर्देशों के कारण कई बाहुबली सीधे मैदान में नहीं उतर रहे। इसके बजाय उनके परिवार के सदस्य (पत्नी, बेटे-बेटियां) टिकट काटकर चुनाव लड़ रहे हैं। विभिन्न पार्टियों की उम्मीदवार सूचियों, नामांकन और मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर, कम से कम 12 बाहुबली विधायक या उनके परिवार के सदस्य विभिन्न सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। यह संख्या अभी बदल सकती है क्योंकि नामांकन प्रक्रिया चल रही है (पहले चरण का अंतिम दिन 17 अक्टूबर)।
प्रमुख उम्मीदवारों की सूची, जो NDA (जेडीयू-बीजेपी), महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस) और अन्य दलों से जुड़े हैं।
क्रमांक | बाहुबली नेता का नाम | संबंधित उम्मीदवार | पार्टी | सीट | टिप्पणी |
1 | अनंत सिंह (पूर्व विधायक, मोकामा) | अनंत सिंह खुद | जेडीयू (NDA) | मोकामा | बाहुबली छवि के बावजूद जेडीयू ने टिकट दिया; 28 आपराधिक मामले, संपत्ति 37.88 करोड़। |
2 | अनंत सिंह | नीलम देवी (पत्नी, पूर्व विधायक) | आरजेडी (महागठबंधन) | मोकामा | अनंत के समर्थन में मैदान में; 2022 उपचुनाव जीत चुकीं। |
3 | सूरजभान सिंह (पूर्व सांसद, बाहुबली) | वीणा देवी (पत्नी) | आरजेडी (महागठबंधन) | मोकामा | अनंत सिंह के खिलाफ पुरानी दुश्मनी; 2000 में दिलीप सिंह (अनंत के भाई) को हराया था। |
4 | शहाबुद्दीन (पूर्व सांसद, दिवंगत बाहुबली) | ओसामा शहाब (बेटा) | आरजेडी (महागठबंधन) | रघुनाथपुर | पिता की विरासत पर; मौजूदा विधायक हरिशंकर यादव का समर्थन। |
5 | आनंद मोहन (पूर्व सांसद, बाहुबली) | चेतन आनंद (बेटा) | जेडीयू (NDA) | जयनगर | 2020 में आरजेडी से जीते, अब NDA में; सीट बदलकर जयनगर से। |
6 | आनंद मोहन | अंशुमान आनंद (बेटा) | बीजेपी (NDA) | नबीनगर | परिवार का NDA फोकस; मां लवली आनंद जेडीयू सांसद। |
7 | राजबल्लभ यादव (पूर्व विधायक, बाहुबली) | विभा देवी (पत्नी) | आरजेडी (महागठबंधन) | नवादा | राजबल्लभ की सजा के बाद पत्नी सक्रिय। |
8 | रीतलाल यादव (बाहुबली नेता) | रीतलाल यादव खुद | आरजेडी (महागठबंधन) | दानापुर | पटना का प्रभावशाली चेहरा; आपराधिक मामले। |
9 | मुन्ना शुक्ला (पूर्व विधायक, बाहुबली) | शिवानी शुक्ला (बेटी) | आरजेडी (महागठबंधन) | चौसा | मुन्ना की सजा के बाद पत्नी विधायक बनीं थी। |
10 | सुनील पांडेय (बाहुबली नेता) | विशाल पांडेय (बेटा) | निर्दलीय/आरजेडी | तरारी | पिता की विरासत; आपराधिक पृष्ठभूमि। |
11 | प्रभुनाथ सिंह (पूर्व सांसद, बाहुबली) | रणधीर सिंह (बेटा) | निर्दलीय/आरजेडी | छपरा | परिवार की राजनीतिक सक्रियता; भतीजा सुधीर सिंह तरैया से। |
12 | राजन तिवारी (पूर्व विधायक, बाहुबली) | राजू तिवारी (बेटा) | एलजेएपी (आर) (NDA) | गोविंदगंज | चिराग पासवान के प्रदेश अध्यक्ष; परिवार की सियासी दावेदारी। |
मुख्य टिप्पणियां:
- NDA में प्रभाव: जेडीयू ने अनंत सिंह और चेतन आनंद जैसे बहुबलियों को टिकट देकर भूमिहार-यादव समीकरण मजबूत किया। बीजेपी ने अंशुमान को नबीनगर से फाइनल किया।
- महागठबंधन का दांव: आरजेडी ने शहाबुद्दीन, सूरजभान और रीतलाल जैसे बाहुबलियों के परिवार को टिकट देकर यादव-मुस्लिम वोट बैंक को टारगेट किया।
- ट्रेंड: ज्यादातर मामलों में महिलाएं (पत्नियां) या बेटे मैदान में हैं, क्योंकि कई बाहुबली जेल या कानूनी मुश्किलों में हैं। मोकामा सीट सबसे हॉट, जहां तीन उम्मीदवार (अनंत, नीलम, वीणा) बाहुबली कनेक्शन से लड़ रहे।
- कुल संख्या क्यों 12?: यह सत्यापित रिपोर्ट्स पर आधारित है; कुछ और नाम (जैसे पप्पू यादव का परिवार) चर्चा में हैं लेकिन पुष्टि नहीं। कुल उम्मीदवारों में से ये प्रमुख हैं।
चुनाव आयोग के डेटा और पार्टियों की लिस्ट्स के अनुसार, ये उम्मीदवार आपराधिक मामलों के कारण विवादास्पद हैं, लेकिन पार्टियां जातीय समीकरण के लिए इन्हें चुन रही हैं।
बिहार में जातिगत समीकरणों का विश्लेषण
बिहार की राजनीति हमेशा से जाति-आधारित रही है, जहां चुनावी परिणामों को तय करने वाली धुरी जातीय गठबंधन और वोट बैंक होते हैं। 2022 के राज्य जाति सर्वेक्षण के अनुसार, बिहार की कुल आबादी लगभग 13 करोड़ है, जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और अति पिछड़ा वर्ग (EBC) मिलाकर 63% हैं। ऊपरी जातियां (सवर्ण) मात्र 15.5% हैं, जबकि अनुसूचित जाति (SC) 19.65% और अनुसूचित जनजाति (ST) 1.68% हैं। मुस्लिम आबादी करीब 17.7% है। 2025 विधानसभा चुनाव (6 और 11 नवंबर को दो चरणों में) में ये समीकरण NDA (जेडीयू-बीजेपी), महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस) और जन सुराज पार्टी (जेएसपी) के बीच जंग को और तीखा बना रहे हैं। जाति न केवल टिकट वितरण को प्रभावित कर रही है, बल्कि विकास, रोजगार और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों को भी जातीय लेंस से देखा जा रहा है।