नई दिल्ली,
पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज और इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने गुरुवार को संसद भवन में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित विपक्षी गठबंधन के कई प्रमुख नेता मौजूद रहे। रेड्डी ने चार सेट नामांकन पत्र राज्या सभा के महासचिव पी.सी. मोडी को सौंपे, जो उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर भी हैं।नामांकन दाखिल करने से पहले रेड्डी ने संसद परिसर में महात्मा गांधी और सामाजिक सुधारक ज्योतिबा फुले की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “मैं नामांकन दाखिल करने के बाद आपसे जरूर बात करूंगा। प्रक्रिया सरल है, मैं रिटर्निंग ऑफिसर को अपना नामांकन पत्र सौंपने जा रहा हूं।” रेड्डी ने यह भी कहा कि वह किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े हैं और उन्हें सभी दलों से समर्थन की उम्मीद है। उन्होंने इस चुनाव को एक वैचारिक लड़ाई करार दिया।
विपक्ष की रणनीति और एकजुटता
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नामांकन के बाद कहा, “बी. सुदर्शन रेड्डी का नामांकन विपक्ष की निष्पक्षता, निष्पक्षता और राज्या सभा के सम्मान को बहाल करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। संसद में विपक्ष की आवाज को दबाने की बढ़ती प्रवृत्ति देखी गई है। हमें बार-बार महत्वपूर्ण जनहित के मुद्दों को उठाने का अवसर नहीं दिया जाता। ऐसी स्थिति में देश को एक निष्पक्ष और आदर्श उपराष्ट्रपति के रूप में बी. सुदर्शन रेड्डी की जरूरत है।” खरगे ने रेड्डी को भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक बताया, जिन्होंने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के लिए लगातार काम किया है।
नामांकन के दौरान एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव, डीएमके सांसद तिरुचि सिवा, टीएमसी सांसद सताब्दी रॉय, शिव सेना (यूबीटी) के संजय राउत और सीपीआई(एम) के जॉन ब्रिटास सहित कई विपक्षी नेता मौजूद थे। कुल 160 सांसदों ने रेड्डी के नामांकन पत्र पर प्रस्तावक और समर्थक के रूप में हस्ताक्षर किए।
चुनावी प्रक्रिया और एनडीए उम्मीदवार
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 9 सितंबर को होगा, और उसी दिन मतगणना होगी। नामांकन वापसी की अंतिम तारीख 25 अगस्त है। रेड्डी का मुकाबला एनडीए के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के वर्तमान राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन से होगा, जिन्होंने बुधवार को अपना नामांकन दाखिल किया था। उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों से मिलकर बने एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें कुल 781 सदस्य हैं, और बहुमत के लिए 391 वोटों की जरूरत है। एनडीए को 422 सांसदों का समर्थन प्राप्त है, और गैर-इंडिया गठबंधन की पार्टियों जैसे वाईएसआरसीपी ने भी राधाकृष्णन को समर्थन देने की घोषणा की है।
बी. सुदर्शन रेड्डी का परिचय
8 जुलाई 1946 को तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में एक किसान परिवार में जन्मे रेड्डी ने 1971 में उस्मानिया विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की। उन्होंने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में वकालत शुरू की और 1995 में हाई कोर्ट के स्थायी जज बने। 2005 में वे गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए, और 2007 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने, जहां से वे 2011 में रिटायर हुए। रेड्डी ने 2013 में गोवा के पहले लोकायुक्त के रूप में भी कार्य किया।
यह चुनाव, जो पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफे के बाद जरूरी हो गया था, एक वैचारिक और राजनीतिक महत्व का मुकाबला बन गया है। विपक्ष रेड्डी के जरिए न केवल अपनी एकजुटता दिखाने की कोशिश कर रहा है, बल्कि संसद में अपनी आवाज को मजबूत करने का भी प्रयास कर रहा है।