नई दिल्ली,
इंडिया गठबंधन ने आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और गोवा के पूर्व लोकायुक्त जस्टिस (रिटायर्ड) बी. सुदर्शन रेड्डी को गठबंधन ने अपना उम्मीदवार चुना है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद रेड्डी के नाम की घोषणा की। उनका मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से होगा।
सर्वसम्मति से हुआ नाम का चयन
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इंडिया गठबंधन की बैठक में जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम पर सर्वसम्मति से सहमति बनी। खरगे ने इसे “विचारधारा की लड़ाई” करार देते हुए कहा कि रेड्डी की उम्मीदवारी संवैधानिक मूल्यों और निष्पक्षता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। गठबंधन ने गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवार को चुनने पर जोर दिया, जिसके लिए रेड्डी का नाम उपयुक्त माना गया।
कौन हैं बी. सुदर्शन रेड्डी?
जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी का जन्म 8 जुलाई 1946 को आंध्र प्रदेश के रंगा रेड्डी जिले के आकुला मायलारम गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने 1971 में आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण कराया और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में रिट और सिविल मामलों में वकालत की। 1988-90 के दौरान उन्होंने उच्च न्यायालय में सरकारी अधिवक्ता के रूप में भी कार्य किया। रेड्डी गुवाहाटी और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालयों में जज रहे और बाद में सुप्रीम कोर्ट में अपनी सेवाएं दीं। गोवा के लोकायुक्त के रूप में भी उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया।
चुनावी मुकाबला और रणनीति
उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर 2025 को होना है, और नामांकन की अंतिम तारीख 21 अगस्त 2025 है। एनडीए ने पहले ही महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है, जिन्हें बीजेपी का मजबूत नेता माना जाता है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राधाकृष्णन की उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए कहा था कि एनडीए विपक्षी दलों के साथ आम सहमति बनाने की कोशिश करेगा। हालांकि, इंडिया गठबंधन ने एक गैर-राजनीतिक उम्मीदवार उतारकर अपनी एकजुटता और वैचारिक प्रतिबद्धता का संदेश देने की कोशिश की है।
सियासी हलचल तेज
रेड्डी की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता ममता बनर्जी ने गैर-राजनीतिक उम्मीदवार के चयन का समर्थन किया था, जिसके बाद रेड्डी का नाम सामने आया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि रेड्डी की न्यायिक पृष्ठभूमि और स्वच्छ छवि इंडिया गठबंधन के लिए एक मजबूत विकल्प हो सकती है। दूसरी ओर, एनडीए के उम्मीदवार राधाकृष्णन का दक्षिण भारत में मजबूत राजनीतिक आधार और बीजेपी की संगठनात्मक ताकत इस मुकाबले को रोचक बनाएगी।
क्या है उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया?
उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बने एक निर्वाचक मंडल द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से किया जाता है। यह चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के आधार पर एकल हस्तांतरणीय मत (सिंगल ट्रांसफरेबल वोट) के माध्यम से होता है। मतदान गुप्त होता है और इसे भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित किया जाता है। उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है, और वे राष्ट्रपति के पद में रिक्ति की स्थिति में उनके कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं।
आगे की राह
इंडिया गठबंधन की यह उम्मीदवारी न केवल उपराष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करेगी, बल्कि यह विपक्षी एकता को प्रदर्शित करने का भी एक मौका है। दूसरी ओर, एनडीए की रणनीति दक्षिण भारत में अपनी स्थिति मजबूत करने की दिशा में देखी जा रही है, खासकर तमिलनाडु में 2026 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर।