भुवनेश्वर, 19 सितंबर 2025
ओडिशा के खनिज संसाधनों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाली बड़ी खबर सामने आई है। राज्य के स्टील और खनिज मंत्री बिभूति भूषण जेना ने विधानसभा में बताया कि देवगढ़ और केन्दुझर जिलों में कुल 1996 किलोग्राम सोने का भंडार मिला है। इसमें देवगढ़ जिले के आदाश क्षेत्र में 1685 किलोग्राम और केन्दुझर जिले के गोपुर क्षेत्र में 311.07 किलोग्राम सोना शामिल है। यह खोज राज्य को सोने के खनन का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
भूमिगत खजाने की इस खोज को जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) ने राज्य के खान और भूविज्ञान निदेशालय के सहयोग से अंजाम दिया है। मंत्री जेना ने बीजू जनता दल (बीजेडी) के विधायक अश्वनी कुमार पट्रा के सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यदि भूवैज्ञानिक और आर्थिक दृष्टि से निष्कर्षण संभव पाया गया, तो इन भंडारों की नीलामी पर विचार किया जाएगा। यह ओडिशा की पहली सोने की खदान नीलामी का संकेत देता है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी।
खोज की पृष्ठभूमि
जीएसआई की जी-2 स्तर की खोज में देवगढ़ के आदाश-रामपल्ली क्षेत्र में तांबे की तलाश के दौरान सोना मिला, जबकि केन्दुझर के गोपुर-गजिपुर, मंकड़छुआन, सलेकना और डिमिरिमुंडा क्षेत्रों में ड्रिलिंग से पुष्टि हुई। यह खोज 2023 से चल रही सर्वेक्षणों का परिणाम है, जो राज्य के अन्य जिलों जैसे सुंदरगढ़, नबरंगपुर, अंगुल, कोरापुट और मयूरभंज में भी सोने की संभावनाओं को उजागर कर रही है। राज्य सरकार और ओडिशा माइनिंग कॉर्पोरेशन (ओएमसी) इन क्षेत्रों में आगे की जांच तेज कर रहे हैं।
मंत्री जेना ने विधानसभा में जोर देकर कहा, “ओडिशा के खनिज संसाधन देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देंगे। सोने के उत्पादन से आयात पर निर्भरता कम होगी और स्थानीय रोजगार बढ़ेगा।” वर्तमान में भारत का सोने का उत्पादन मात्र 1.6 टन सालाना है, जबकि आयात 700-800 टन तक पहुंचता है। यह खोज आयात बिल को कम करने और ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने में सहायक होगी।
आर्थिक प्रभाव और भविष्य की योजनाएं
इस खोज से ओडिशा को सोने के निर्यात में नया अवसर मिलेगा, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को 10-15 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि नीलामी से अरबों रुपये का निवेश आकर्षित होगा, जिससे हजारों नौकरियां पैदा होंगी। देवगढ़ में जल्द ही पहली सोने की खदान ब्लॉक की नीलामी हो सकती है, जबकि केन्दुझर के भंडारों की मात्रा निर्धारण के बाद आगे कदम उठाए जाएंगे।
स्थानीय प्रतिक्रिया
देवगढ़ और केन्दुझर के निवासियों में उत्साह का माहौल है। एक स्थानीय किसान ने कहा, “यह हमारे क्षेत्र के लिए वरदान है। खनन से सड़कें, स्कूल और अस्पताल बेहतर होंगे।” हालांकि, पर्यावरणविदों ने सतर्कता बरतने की सलाह दी है, ताकि खनन से वन और जल स्रोत प्रभावित न हों।ओडिशा सरकार ने घोषणा की है कि खनन कार्य पर्यावरण-अनुकूल तरीके से किया जाएगा। यह खोज न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए ‘स्वर्णिम’ भविष्य की शुरुआत का प्रतीक है।