रांची/गोड्डा
झारखंड के गोड्डा जिले में कथित पुलिस एनकाउंटर में मारे गए पूर्व बीजेपी नेता सूर्या हांसदा की मौत की जांच के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एक सात सदस्यीय जांच दल गठित किया है। यह दल, जिसका नेतृत्व पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा कर रहे हैं, रविवार को सूर्या हांसदा के पैतृक गांव, ललमटिया थाना क्षेत्र के डकैता गांव पहुंचा। जांच दल ने घटनास्थल का दौरा किया और सूर्या के परिजनों से मुलाकात कर मामले की विस्तृत जानकारी ली।बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस एनकाउंटर को “योजनाबद्ध हत्या” करार देते हुए स्वतंत्र जांच की मांग की थी। बीजेपी का आरोप है कि सूर्या हांसदा की मौत पुलिस द्वारा की गई सुनियोजित कार्रवाई का परिणाम है। जांच दल में अर्जुन मुंडा के साथ पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी, पूर्व विधायक भानु प्रताप शाही, पूर्व सांसद सुनील सोरेन, पूर्व विधायक अमित मंडल, रणधीर सिंह और अनिता सोरेन शामिल हैं।
घटना का विवरण
पुलिस के अनुसार, सूर्या हांसदा को 10 अगस्त को देवघर के मोहनपुर नावाडीह से गिरफ्तार किया गया था। अगले दिन, 11 अगस्त को बोआरीजोर थाना क्षेत्र के जिरली समारी पहाड़ी के पास हथियार बरामद करने के दौरान कथित तौर पर सूर्या ने पुलिस का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की, जिसके बाद मुठभेड़ में उनकी मौत हो गई। गोड्डा पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार ने इस एनकाउंटर की पुष्टि की थी, लेकिन बीजेपी और सूर्या के परिजनों ने इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है।
आपराधिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि
सूर्या हांसदा, डकैता गांव के निवासी, एक प्रभावशाली स्थानीय नेता थे और उनके खिलाफ गोड्डा व साहिबगंज जिले में हत्या, लूट, आगजनी और गोलीबारी जैसे 50 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे। उन्होंने 2019 में बीजेपी के टिकट पर बोआरीजोर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन 2024 में टिकट न मिलने पर झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
परिजनों और स्थानीय लोगों का रुख
सूर्या की मां नीलमणि मुर्मू और पत्नी शीला मुर्मू ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। नीलमणि ने बताया कि सूर्या को गिरफ्तारी के बाद रात में एनकाउंटर में मारा गया, और उन्होंने पुलिस वाहन को रोकने की कोशिश भी की थी। स्थानीय लोगों में भी इस घटना को लेकर आक्रोश है, और कई लोग इसे आदिवासी अस्मिता से जोड़कर देख रहे हैं।
बीजेपी की मांग
बीजेपी जांच दल ने घटनास्थल का मुआयना करने के बाद कहा कि वे सभी तथ्यों की गहन जांच करेंगे और इस मामले में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए अपनी रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व को सौंपेंगे। पार्टी ने यह भी मांग की है कि सूर्या हांसदा की मौत की जांच राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एसटी कमीशन) द्वारा की जाए, क्योंकि यह मामला आदिवासी अस्मिता और मानवाधिकार से जुड़ा हुआ है। झारखंड सीआईडी ने इस मामले की जांच अपने हाथ में ली है, और बीजेपी जांच दल की रिपोर्ट के आधार पर पार्टी इस मुद्दे को और आगे ले जा सकती है।