काबुल
अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से में रविवार देर रात 6.0 तीव्रता का भीषण भूकंप आया, जिसने नंगरहार और कुनार प्रांतों में भारी तबाही मचाई। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 622 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। भूकंप का केंद्र नंगरहार प्रांत के जलालाबाद शहर से 27 किलोमीटर पूर्व में था, और इसकी गहराई मात्र 8 किलोमीटर दर्ज की गई, जिसके कारण नुकसान का दायरा और बढ़ गया। तालिबान सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज कर दिए हैं, लेकिन कमजोर बुनियादी ढांचा और संसाधनों की कमी चुनौतियां पैदा कर रही है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल सहायता की अपील की गई है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कई लोग अभी भी मलबे में फंसे हो सकते हैं, और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
20 मिनट बाद आए आफ्टरशॉक्स ने बढ़ाया कहर
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) और जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) के अनुसार, भूकंप रविवार रात 11:47 बजे स्थानीय समय पर आया। करीब 20 मिनट बाद 4.5 तीव्रता का एक और झटका महसूस किया गया, जिसने बचाव कार्यों को और जटिल कर दिया। नंगरहार प्रांत के स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता अजमल दर्वाइश ने बताया कि ज्यादातर मौतें और चोटें जलालाबाद और आसपास के क्षेत्रों में हुई हैं।

मिट्टी के घर ढहे, बचाव कार्य में चुनौतियां
कुनार और नंगरहार के कई गांवों में मिट्टी और कमजोर ईंटों से बने घर ताश के पत्तों की तरह ढह गए। अफगानिस्तान के दुर्गम भौगोलिक क्षेत्रों के कारण बचाव कार्यों में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। तालिबान सरकार ने राहत और बचाव टीमें तैनात की हैं, लेकिन संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी मदद की पेशकश की है। स्थानीय लोगों ने भयावह दृश्यों का वर्णन किया है, जहां मलबे में कई लोग अभी भी फंसे हो सकते हैं।
पाकिस्तान और भारत में भी महसूस हुए झटके
भूकंप इतना शक्तिशाली था कि इसके झटके पड़ोसी देश पाकिस्तान और भारत की राजधानी दिल्ली व एनसीआर तक महसूस किए गए। दिल्ली में लोग आधी रात को घरों से बाहर निकल आए, क्योंकि इमारतें हिलने लगी थीं। हालांकि, भारत और पाकिस्तान में जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

2023 का भूकंप रहा था सबसे घातक
अफगानिस्तान में भूकंप कोई नई घटना नहीं है। अक्टूबर 2023 में हेरात प्रांत में आए 6.3 तीव्रता के भूकंप में तालिबान सरकार के अनुसार 4,000 लोग मारे गए थे, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने मृतकों की संख्या 1,500 बताई थी। उस आपदा ने हजारों घरों को तबाह कर दिया था।
