Mahatma Gandhi Punyatithi 2025: महात्मा गांधी भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक थे। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था लेकिन गांधी जी को सम्मान से “राष्ट्रपिता” कहा जाता है। इसके अलावा उन्हें बापू और महात्मा की उपाधि भी दी गई है। महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर आधारित एक अनूठा आंदोलन चलाकर भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र कराने में अहम भूमिका निभाई। 2 अक्तूबर को गुजरात के पोरबंदर में मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म हुआ था। वहीं उनकी मृत्यु भारत की आजादी से पहले 30 जनवरी 1948 को हुई थी। नाथूराम गोडसे द्वारा दिल्ली के बिड़ला हाउस में गोली मारकर हत्या कर दी थी। उनकी हत्या से पूरा देश शोक में था।
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि कब है?
आज भी 30 जनवरी को महात्मा गांधी को याद किया जाता है। इस दिन महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है। हालांकि इस दिन को इतिहास में एक खास दिन के रूप में भी मनाया जाता है। गांधी जी की पुण्यतिथि को भारत में शहीद दिवस के तौर पर मनाते हैं। यह दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और देश की आजादी के लिए बलिदान देने वाले सभी शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए समर्पित है। हालांकि गांधी जी की पुण्यतिथि को ही शहीद दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है। आइए जानते हैं 30 जनवरी को इतिहास और गांधी जी की पुण्यतिथि का शहीद दिवस से संबंध।
गांधी हत्या का दिन
30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की नई दिल्ली के बिड़ला हाउस में नाथूराम गोडसे द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गांधीजी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे और उन्होंने अहिंसा और सत्याग्रह के माध्यम से भारत को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई। उनकी हत्या देश के लिए एक गहरी क्षति थी।
बापू की पुण्यतिथि यानी 30 जनवरी को देश शहीद दिवस के रूप में मनाते हुए महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करता है। इस मौके पर राजधानी दिल्ली के राजघाट स्थित गांधी जी की समाधि पर भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री पहुंचते हैं। गांधी जी को स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के लिए याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। इस मौके पर देश के सशस्त्र बलों के शहीदों को सलामी दी जाती है और बापू की याद व शहीदों के लिए दो मिनट का मौन रखा जाता है।
क्यों मनाते हैं शहीद दिवस
गांधीजी के साथ-साथ यह दिन उन सभी शहीदों की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता और सुरक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। शहीद दिवस मनाने का उद्देश्य गांधीजी के विचारों, विशेषकर अहिंसा और सत्य के संदेश को याद करना और उसे आगे बढ़ाना है।
साल में दो बार मनाया जाता है शहीद दिवस
भारत में शहीद दिवस दो बार मनाया जाता है। गांधी जी की पुण्यतिथि पर 30 जनवरी को शहीदों की याद में शहीद दिवस मनाते हैं। वहीं 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है। दो अलग तारीखों को शहीद दिवस मनाने को लेकर लोग असमंजस में रहते हैं। दोनों शहीद दिवस में अंतर है। 30 जनवरी को महात्मा गांधी की हत्या हुई थी और 23 मार्च 1931 को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी। 23 मार्च को अमर शहीद दिवस मनाते हैं। इस दिन इन तीनों शहीदों की शहादत को याद किया जाता है।
30 जनवरी का इतिहास
1530 : मेवाड़ के राणा संग्राम सिंह का निधन।
1903 : लार्ड कर्जन ने कलकत्ता की इंपीरियल लाइब्रेरी का उद्घाटन किया था, आजादी के बाद इसका नाम बदलकर नेशनल लाइब्रेरी कर दिया गया था।
1948 : महात्मा गांधी की हत्या।
1971 : भारतीय एयरलाइंस के फोक्कर मैत्री विमान का लाहौर से अपहरण कर उसे नष्ट कर दिया गया था।
1985 : लोकसभा ने दल बदल विरोधी कानून पारित किया था।
2007 : अंतरराष्ट्रीय सौदे में भारत की दिग्गज कंपनी टाटा ने एंग्लो डच स्टील निर्माता कंपनी कोरस ग्रुप को 12 अरब डॉलर से अधिक में खरीदा था।