रांची, 24 सितंबर 2025
झारखंड के गुमला जिले में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। बिशनपुर थाना क्षेत्र के लावादाग जंगल में मंगलवार देर रात झारखंड पुलिस, झारखंड जगुआर और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की संयुक्त कार्रवाई में झारखंड जन मुक्ति परिषद (JJMP) के दो सब जोनल कमांडर सहित तीन नक्सली मारे गए। मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने एक AK-47 राइफल समेत तीन हथियार और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया है। इलाके में सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है।
मुठभेड़ का ब्योरा
झारखंड पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि JJMP के नक्सली लावादाग जंगल में इकट्ठा होकर सुरक्षाबलों पर हमले की योजना बना रहे हैं। इस इनपुट के आधार पर मंगलवार रात से ही बिशनपुर और घाघरा थाना क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था। बुधवार तड़के करीब 3 बजे जंगल में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई।नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू की, जिसका जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलीबारी की। करीब चार घंटे तक चली इस मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गए। मारे गए नक्सलियों में दो सब जोनल कमांडर शामिल हैं, जिनकी पहचान दिलीप लोहरा (32) और रवि गंझू (35) के रूप में हुई है। दोनों घाघरा प्रखंड के बेलागड़ा और आसपास के गांवों के निवासी थे और उनके सिर पर लाखों रुपये का इनाम था। तीसरे नक्सली की पहचान अभी की जा रही है।
गुमला के पुलिस अधीक्षक (SP) हारिस बिन जमान ने बताया, “यह ऑपरेशन JJMP के नेटवर्क को तोड़ने में मील का पत्थर साबित होगा। दोनों सब जोनल कमांडर संगठन के प्रमुख सदस्य थे।” उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों को कोई नुकसान नहीं हुआ है, और भागे हुए नक्सलियों की तलाश तेज कर दी गई है।
बरामद सामग्रीमुठभेड़ स्थल की तलाशी में सुरक्षाबलों ने निम्नलिखित सामग्री बरामद की:
- 1 AK-47 राइफल
- 2 इंसास राइफलें
- भारी मात्रा में लाइव कारतूस और गोला-बारूद
- नक्सली साहित्य, मोबाइल फोन और अन्य उपकरण
पुलिस ने बताया कि ये हथियार बड़े हमलों के लिए जमा किए गए थे। बरामद सामग्री की जांच शुरू कर दी गई है।
झारखंड में नक्सल विरोधी अभियान
झारखंड सरकार ने 2025 को नक्सलमुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इस साल अब तक 25 नक्सली मारे जा चुके हैं, और 120 से अधिक हथियार, 9,000 गोलियां, 180 किलोग्राम विस्फोटक और 5 लाख रुपये से अधिक नकदी बरामद की गई है। गुमला, लातेहार, लोहरदगा और चतरा जैसे जिले नक्सल गतिविधियों के लिए संवेदनशील रहे हैं, लेकिन सुरक्षाबलों की सक्रियता से इनका दायरा लगातार सिकुड़ रहा है।
पुलिस महानिरीक्षक (संचालन) माइकल एस. राज ने कहा, “हमारी रणनीति नक्सलियों को कमजोर करने में कारगर साबित हो रही है। इस तरह की कार्रवाइयां भविष्य में भी जारी रहेंगी।”सर्च ऑपरेशन और स्थानीय सहयोगमुठभेड़ के बाद लावादाग और आसपास के जंगली इलाकों में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। पुलिस ने स्थानीय ग्रामीणों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें। यह कार्रवाई न केवल गुमला बल्कि पूरे झारखंड में शांति स्थापना के लिए महत्वपूर्ण कदम है।