बीजापुर, 3 अक्टूबर 2025
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में दशहरा पर्व के अवसर पर एक ऐतिहासिक मोड़ आया। 103 नक्सलियों ने गुरुवार को हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। इनमें 22 महिलाएं शामिल हैं, और 49 नक्सली इनामी थे जिन पर कुल 1 करोड़ 7 लाख रुपये से अधिक का इनाम घोषित था। यह छत्तीसगढ़ के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा एक दिवसीय सामूहिक आत्मसमर्पण माना जा रहा है। नक्सलियों ने माओवादी विचारधारा से मोहभंग, संगठन के आंतरिक कलह और सरकारी विकास योजनाओं से प्रभावित होकर यह कदम उठाया। सभी को 50,000 रुपये की तत्काल सहायता प्रदान की गई है, और वे राज्य की पुनर्वास नीति के तहत मुख्यधारा में शामिल होंगे।
आत्मसमर्पण का विवरण: रावण पर विजय की प्रतीकात्मकता
घटना गुरुवार (2 अक्टूबर) को बीजापुर जिले के एक कैंप में घटी, जहां नक्सली वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरएफ) के समक्ष हथियार डालकर आत्मसमर्पण कर दिया। बीजापुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) जितेंद्र कुमार यादव ने बताया, “यह एक दिवस में वामपंथी उग्रवादियों का अब तक का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण है। नक्सली माओवादी विचारधारा को ‘खोखला’ बताते हुए संगठन सीपीआई (माओइस्ट) के आंतरिक मतभेदों से तंग आ चुके थे। हाल के महीनों में कई नक्सली नेताओं के मारे जाने या आत्मसमर्पण करने से संगठन कमजोर हो गया है।”
इन नक्सलियों ने बस्तर पुलिस की ‘पूना मार्गेम’ (सामाजिक पुनर्स्थापन के लिए पुनर्वास योजना), छत्तीसगढ़ सरकार की ‘नियाद नेल्लानार’ (आपका अच्छा गांव) योजना, जो दूरस्थ गांवों में विकास कार्यों को बढ़ावा देती है, और नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर यह फैसला लिया। एसपी यादव ने कहा, “ये लोग बस्तर क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों से प्रभावित हुए और सशस्त्र विद्रोह का रास्ता छोड़ दिया।”
प्रमुख आत्मसमर्पित नक्सलियों में लछू पुनेम उर्फ संतोष (36 वर्ष, डिविजनल कमिटी सदस्य), गुड्डू फरसा (30), भीमा सोधी (45), हिड़मे फरसा (26) और सुकमती ओयाम (27), सभी प्लाटून पार्टी कमिटी सदस्य शामिल हैं, जिन पर प्रत्येक पर 8 लाख रुपये का इनाम था। अन्य में चार नक्सलियों पर 5 लाख, 15 पर 2 लाख, दस पर 1 लाख, 12 पर 50,000 और तीन पर 10,000 रुपये का इनाम था। कुल मिलाकर, आत्मसमर्पित नक्सलियों ने 1 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के हथियार भी जमा कर दिए।

पुनर्वास और सहायता: मुख्यधारा में लौटने का नया अध्याय
आत्मसमर्पण के बाद सभी नक्सलियों को तत्काल 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। वे राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत प्रशिक्षण, रोजगार और सामाजिक एकीकरण के अवसर प्राप्त करेंगे। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) पी. सुंदरराज ने कहा, “सरकार की पुनर्वास नीति और परिवारों का समर्थन नक्सलियों को हिंसा छोड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। हम और अधिक कैडरों से आत्मसमर्पण की अपील करते हैं।”इस वर्ष बीजापुर जिले में कुल 410 नक्सली आत्मसमर्पित हो चुके हैं, जबकि 421 को गिरफ्तार किया गया है। पूरे छत्तीसगढ़ में इस साल 253 नक्सलियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है, जिनमें से 224 बस्तर संभाग में थे।