इम्फाल, 20 सितंबर 2025
मणिपुर के बिश्नुपुर जिले में शुक्रवार शाम को असम राइफल्स के एक काफिले पर अज्ञात आतंकियों ने घात लगाकर हमला कर दिया। इस हमले में दो जवान शहीद हो गए, जबकि पांच अन्य घायल हो गए। घायलों को इम्फाल के क्षेत्रीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान (आरआईएमएस) में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। सुरक्षा बलों ने हमलावरों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
घटना का विवरण
घटना शुक्रवार (19 सितंबर) को लगभग 5:50 बजे नंबोल सबल लीकाई क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग-2 (एनएच-2) पर हुई। 33 असम राइफल्स की एक वाहन-आधारित टुकड़ी पटसोई कंपनी ऑपरेटिंग बेस से नंबोल कंपनी ऑपरेटिंग बेस की ओर जा रही थी। अचानक अज्ञात आतंकियों ने वाहन पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। गोलीबारी इतनी तीव्र थी कि जवानों को तुरंत जवाबी कार्रवाई करने का मौका ही नहीं मिला। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हमलावर एक सफेद वैन में भाग निकले।
रक्षा विभाग के एक बयान में कहा गया, “मणिपुर के एक गैर-नोटिफाइड क्षेत्र में राजमार्ग पर असम राइफल्स की टुकड़ी पर अज्ञात आतंकियों ने घात लगाया। गोलीबारी में दो जवान शहीद हो गए और पांच घायल हुए, जिन्हें आरआईएमएस ले जाया गया।” घटनास्थल पर पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने कई खाली कारतूस बरामद किए हैं।
शहीद जवानों की पहचान नायक सुभेदार श्याम गुरुंग (जूनियर कमीशंड ऑफिसर) और राइफलमैन रंजीत सिंह कश्यप के रूप में हुई है। दोनों ही बाढ़ राहत कार्यों में लगे हुए थे और हाल ही में मणिपुर में बाढ़ प्रभावित इलाकों में सहायता पहुंचा रहे थे।

प्रतिक्रियाएं और बयान
मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। राजभवन के बयान में कहा गया, “राज्यपाल ने शहीद जवानों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। उनकी अटूट बहादुरी और राष्ट्र सेवा को सलाम।” पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने भी हमले को “हम सबके लिए क्रूर प्रहार” बताते हुए कहा, “इस कायरतापूर्ण हमले के दोषियों को कठोरतम सजा मिलनी चाहिए।” उन्होंने घायल जवानों से आरआईएमएस अस्पताल में मुलाकात भी की।असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा ने शहीदों को सलामी दी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “हम शहीदों को सलाम करते हैं और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। तलाशी अभियान जारी है।”
संदिग्ध और संदर्भ
अभी तक किसी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। हालांकि, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के अनुसार, म्यांमार से संचालित वैली-आधारित मेइती उग्रवादी समूह पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पर शक किया जा रहा है। मणिपुर में वर्तमान में नौ प्रतिबंधित मेइती आतंकी समूह सक्रिय हैं, जो सुरक्षा बलों पर बार-बार हमले करते रहे हैं।
यह हमला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 13 सितंबर को मणिपुर यात्रा के ठीक एक सप्ताह बाद हुआ है, जो 2023 से चल रहे संघर्ष के बाद उनकी पहली यात्रा थी। राज्य में पिछले कई महीनों से अपेक्षाकृत शांति थी, लेकिन यह घटना तनाव को फिर से बढ़ा सकती है। हमला 21 सितंबर 1949 के मणिपुर विलय समझौते के खिलाफ वैली-आधारित विद्रोही समूहों के बुलाए गए बंद के दो दिन पहले हुआ है।