राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने सुप्रीम कोर्ट से पूछे 14 सवाल, आदेश पर उठायी आपत्ति

नई दिल्ली

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आपत्ति जताते हुए  सवाल उठाये है। सुप्रीम कोर्ट ने गत 8 अप्रैल 2025 को अपने आदेश में कहा था कि राष्ट्रपति और राज्यपाल को उनके समक्ष प्रस्तुत विधेयकों पर एक तय समयसीमा में फैसला लेना होगा। कोर्ट ने यह आदेश तमिलनाडु सरकार बनाम राज्यपाल मामले में दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राज्यपाल के पास वीटो पावर नहीं है और राष्ट्रपति को भी भेजे गये विधेयक पर तीन महीने में निर्णय लेना होगा। इसके अलावा अदालत ने यह भी कहा था कि राष्ट्रपति के निर्णय की न्यायिक समीक्षा अनुच्छेद 201 के तहत संभव है। राष्ट्रपति ने इन बातों को लेकर सफाई मांगी है। अब यह मामला संविधान से जुड़ी बहस का रूप ले चुका है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा है कि भारतीय संविधान में ऐसी कोई तय समय नहीं है। उन्होंने पूछा है कि जब संविधान में यह प्रावधान ही नहीं है, तो सुप्रीम कोर्ट ऐसा आदेश किस आधार पर दे सकता है।

राष्ट्रपति का सुप्रीम कोर्ट से 14 सवाल

  1. जब राज्यपाल के सामने कोई बिल आता है, तो उनके पास कौन-कौन से संवैधानिक विकल्प होते हैं।
  2. क्या राज्यपाल फैसला लेते समय मंत्रिपरिषद की सलाह से बंधे हैं।
  3. क्या राज्यपाल के फैसले को अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
  4. क्या आर्टिकल 361 राज्यपाल के फैसलों पर न्यायिक समीक्षा को पूरी तरह रोक सकता है।
  5. अगर संविधान में राज्यपाल के लिए कोई समयसीमा तय नहीं है, तो क्या अदालत कोई समयसीमा तय कर सकती है।
  6. क्या राष्ट्रपति के फैसले को भी अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
  7. क्या राष्ट्रपति के फैसलों पर भी अदालत समयसीमा तय कर सकती है।
  8. क्या राष्ट्रपति को सुप्रीम कोर्ट से राय लेना अनिवार्य है।
  9. क्या राष्ट्रपति और राज्यपाल के फैसलों पर कानून लागू होने से पहले ही अदालत सुनवाई कर सकती है।
  10. क्या सुप्रीम कोर्ट आर्टिकल 142 का इस्तेमाल करके राष्ट्रपति या राज्यपाल के फैसलों को बदल सकता है।
  11. क्या राज्य विधानसभा द्वारा पारित कानून, राज्यपाल की स्वीकृति के बिना लागू होता है।
  12. क्या संविधान की व्याख्या से जुड़े मामलों को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच को भेजना अनिवार्य है।
  13. क्या सुप्रीम कोर्ट ऐसे निर्देश/आदेश दे सकता है जो संविधान या वर्तमान कानूनों मेल न खाता हो।
  14. क्या केंद्र और राज्य सरकार के बीच विवाद सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही सुलझा सकता है।

 

 

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