बंगालियों से भेदभाव को लेकर कोलकाता में ममता बनर्जी का विरोध मार्च, वोटरलिस्ट में नाम नहीं तो भेजे जेल

कोलकाता,

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भाजपा शासित राज्यों में बंग्ला भाषी प्रवासियों पर कथित अत्याचार के विरोध में विरोध मार्च में शामिल हुईं। कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने एक विशाल पैदल मार्च का आयोजन किया था। मार्च में पार्टी नेताओँ ने ‘बीजेपी छी-छी’ के नारों के साथ 3 किलोमीटर तक लंबा मार्च किया। कोलकाता में लगातार बारिश हो रही है। बारिश में भींगते हुए हाथ जोड़े ममता बनर्जी मार्च का नेतृत्व कर रही थी। ममता के साथ उनके सांसद भतीजे और तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल थे। कोलकाता के अलावा पार्टी ने राज्य के सभी जिलों में इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया।

भारत सरकार के रूख से निराश हूं – ममता बनर्जी

पदयात्रा के बाद ममता बनर्जी ने एक जनसभा को भी संबोधित किया। सीएम ममता ने कहा कि जिन लोगों के नाम मतदाता सूची में नहीं हैं, उन्हें जेल भेजे। भारत सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है, हम इस नोटिफिकेशन को अदालत में चुनौती देंगे। इसमें कहा गया है कि संदिग्ध बांग्लादेशी को गिरफ्तार कर डिटेंशन सेंटर में रखा जायेगा। यह नोटिफिकेशन बीजेपी शासित राज्यों में जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि जब महाराष्ट्र से हिंदी भाषियों को निकाला गया, तो हमने सबसे पहले आवाज उठाई थी। हम यहां रहने वाले विभिन्न राज्यों के सभी लोगों का सम्मान करते हैं, चाहे वे मजदूर हों, व्यापारी हों, दुकानदार हों, फेरीवाले हों या कर्मचारी हों। हम उन पर कभी हमला नहीं करेंगे क्योंकि वे हमारा और हमारे देश का हिस्सा हैं। हम उनसे प्यार करते हैं। हम हर भाषा का सम्मान करते हैं।

ओड़िसा में 444 संदिग्ध बांग्लादेशी गिरफ्तार

पिछले दिनों ओड़िसा के झारसुड़ा में 444 संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को डिटेन किया गया था। टीएमसी का दावा है कि उनमें 200 बंगाल के प्रवासी मजदूर थे। देश के अन्य हिस्सों में भी कुछ ऐसे मामलों के बाद पार्टी ने कड़ा रूख अपना है।

 

 

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