Kedarnath Helicopter Crash: उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में शनिवार को एक बड़ा हादसा टल गया, जब एम्स ऋषिकेश की हेली एंबुलेंस लैंडिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गई. यह हेलिकॉप्टर एक मरीज को लेने के लिए ऋषिकेश से केदारनाथ आया था. दुर्घटना हेलिपैड से मात्र 20 मीटर पहले हुई, जब हेलिकॉप्टर की “हार्ड लैंडिंग” के चलते उसका संतुलन बिगड़ गया.
पायलट सुरक्षित, कोई हताहत नहीं
हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. हेलिकॉप्टर में केवल पायलट सवार था, जो सुरक्षित बच गया. एम्स के जनसंपर्क अधिकारी (PRO) संदीप कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि हेलिकॉप्टर की टेल बॉन (पिछला हिस्सा) टूट गया है, लेकिन कोई गंभीर नुकसान नहीं हुआ.
संजीवनी सेवा के तहत उड़ान भर रहा था हेलिकॉप्टर
उल्लेखनीय है कि इस हेली एंबुलेंस सेवा ‘संजीवनी’ की शुरुआत 29 अक्टूबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. यह सेवा मरीजों को दुर्गम इलाकों से त्वरित रूप से बड़े अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए शुरू की गई है. इस परियोजना को केंद्र और उत्तराखंड सरकार की 50-50 प्रतिशत भागीदारी के तहत संचालित किया जा रहा है.
पिछले हादसे की यादें अभी भी ताजा
केदारनाथ की यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब महज कुछ दिन पहले ही 8 मई को गंगोत्री धाम की ओर जा रहा एक हेलिकॉप्टर भी हादसे का शिकार हो गया था. उस दर्दनाक दुर्घटना में 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जिनमें पांच महिलाएं शामिल थीं. एकमात्र जीवित यात्री गंभीर रूप से घायल हो गया था. गंगनानी के पास हुआ यह हादसा इतना भीषण था कि हेलिकॉप्टर के दो टुकड़े हो गए थे और कुछ शव मशीन के अंदर फंसे रह गए थे, जिन्हें काटकर बाहर निकाला गया.
सावधानी और समीक्षा की आवश्यकता
लगातार हो रहे हेली दुर्घटनाओं ने चारधाम यात्रा के दौरान हवाई सेवाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में उड़ान भरने वाले इन हेलिकॉप्टरों के लिए नियमित तकनीकी जांच और पायलट ट्रेनिंग को और भी सख्त और मानक आधारित बनाने की जरूरत है.