रांची,
जैन समुदाय और गुजरात की ज्योद संस्था के द्वारा झारखंड हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका 231/2025 पर आज सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने मरांग बुरू संस्थान के द्वारा दायर हस्ताक्षेप याचिका पर आदिवासियों की पक्ष को सुना। हाईकोर्ट ने जैन समुदाय और सरकार को अपना पक्ष और जवाब देने के लिए 17 मार्च से पहले का समय दिया है। ज्ञात हो कि जैन समुदाय के द्वारा पारसनाथ पर्वत और मधुबन में मांस मदिरा क्रय बिक्रय पर रोक लगाने के लिए एक जनहित याचिका दाखिल की गयी है। जिसके कारण आदिवासी समाज में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। आदिवासी समाज ने आरोप लगाया है कि जैन समुदाय ने आदिवासियों के धार्मिक स्थल मरांग बुरू युग जाहेर थान में अतिक्रमण किया है ।
मधुबन में जंगलो को साफ कर कंक्रीट का भवन, मठ, मंदिर और धर्मशाला बनाया है। पारसनाथ पर्वत में वृक्षों और पत्थरों को काट कर 50 से भी अधिक मंदिर वन भूमि पर बना दिये गये है । इसी के विरोध में मरांग बुरू बचाओ समिति ने मरांग बुरू बचाओ, अतिक्रमण हटाओ के नारों के साथ 12 मार्च 2025 को मधुवन में रैली का आह्वान किया है।